Aaj ka shabd

आज का शब्द: स्वागत और गोपालदास ‘नीरज’ की कविता जब भी इस शहर में कमरे से मैं बाहर निकला
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हिंदी हैं हम शब्द-श्रृंखला में आज का शब्द है स्वागत जिसका अर्थ है किसी गणमान्य अतिथि के आने पर आगे बढ़कर आदरपूर्वक...

आज का शब्द: पुकार और हरिवंशराय बच्चन की कविता- संकेत किया यह किसने, यह किसकी भौहें घूमीं ?
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'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- पुकार, जिसका अर्थ है- पुकारने या बुलाने की क्रिया या...

आज का शब्द: दृष्टिगोचर और हरिवंशराय बच्चन की कविता- पंथ जीवन का चुनौती दे रहा है हर कदम पर
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'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- दृष्टिगोचर, जिसका अर्थ है- जो देखने में आए। प्रस्तुत है...

आज का शब्द: देख-रेख और अशेष श्रीवास्तव की कविता- ये ज्वालामुखी क्या अचानक ही फूट जाता है
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'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- देख-रेख, जिसका अर्थ है- देख-भाल, निरीक्षण या निगरानी। प्रस्तुत है...

आज का शब्द: महिषासुरमर्दिनी और मानोशी की कविता- माँ का फिर आह्वान हुआ है
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'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- महिषासुरमर्दिनी, जिसका अर्थ है- देवी जिन्होंने अनेक असुरों का वध...