Tunisha Sharma suicide case में शीजान खान को मिली जमानत, इन शर्तों के साथ आए बाहर

Tunisha Sharma suicide case में शीजान खान को मिली जमानत, इन शर्तों के साथ आए बाहर

Tunisha Sharma Suicide Update: तुनिषा शर्मा आत्महत्या मामले में लगभग 10 सप्ताह जेल में बिताने के बाद महाराष्ट्र की वसई अदालत ने शनिवार को एक्टर शीजान खान को जमानत दे दी. उन्हें मामले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था. 21 वर्षीय तुनिषा शर्मा ने 24 दिसंबर, 2022 की सुबह अली बाबा: दास्तान-ए-काबुल सीरियल की शूटिंग सेट पर आत्महत्या कर ली थी और एक दिन बाद 27 वर्षीय खान को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरडी देशपांडे ने खान को एक लाख रुपये के श्योरटी बॉन्ड सशर्त जमानत दी है उसे अपना पासपोर्ट जमा करने और अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ने का आदेश दिया है.


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रिलेशनशिप में थे तुनिषा और शीजान

आपको बता दें कि तुनिषा शर्मा और शीजान खान रिलेशनशिप में थे लेकिन आत्महत्या से कुछ हफ्ते पहले ही उनका ब्रेकअप हुआ था. ऐसे में माना जा रहा है कि एक्ट्रेस मानसिक तौर पर काफी परेशान थी. बाद में तुनिषा की मां वनिता शर्मा और उनके रिश्तेदार पवन शर्मा ने आरोप लगाया था कि शीजान खान और उनका परिवार उस पर इस्लाम को अपनाने के लिए दबाव डाल रहा था. इसके साथ ही कई अन्य विवाद भी थे जो उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर रहे थे. आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में परिवार वालों ने शीजान की गिरफ्तारी की मांग की.

बहन शफक नाज ने किया भाई का बचाव

शीजान खान की मां फलक नाज और बहन शफक नाज ने शर्मा परिवार पर गलत तरीके से फंसाने के लिए पलटवार किया और मीडिया को संबोधित किया कि कैसे तुनिषा को कथित तौर पर अपने ही परिवार द्वारा प्रताड़ित किया गया था. उसे पैसे नहीं दिए उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं थी. फरवरी के मध्य में वालिव पुलिस ने मामले में 524 पन्नों का आरोप पत्र दायर किया जिसमें खान को शर्मा की आत्महत्या के लिए उकसाने वाले के रूप में नामित किया गया था. इसके अलावा 31 गवाहों और अन्य सबूतों को सूचीबद्ध किया गया था और बाद में एक पूरक आरोप पत्र दायर करने की संभावना है.

इस वकील ने खान को दिलाई जमानत

जमानत के लिए दलील पेश करते हुए खान के वकील शरद राय ने कहा था कि जांच खत्म हो गई है. चार्जशीट पहले ही दायर की जा चुकी है और इसलिए उनके मुवक्किल को जमानत दी जानी चाहिए. हालांकि विशेष लोक अभियोजक संजय मोरे ने विभिन्न आधारों पर इसका विरोध किया था.

(इनपुट: एजेंसी)

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