Udaipur Murder: आईएस के आतंकी संगठन अलसूफा से जुड़ा था कन्हैया का हत्यारा, राजस्थान में बना रहा था स्लीपर सेल

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कन्हैयालाल हत्याकांड का आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी राजस्थान में आंतक फैलाने वाली बड़ी साजिश में शामिल है। रियाज के तार अलसूफा से जुड़े हैं। यह संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के रिमोट स्लीपर सेल के तौर पर काम करता है। रियाज पिछले पांच साल से अलसूफा के लिए राजस्थान के आठ जिलों में स्लीपर सेल बना रहा था।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रियाज 20 साल पहले अपना घर छोड़कर उदयपुर आ गया था। यहीं वह पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले ग्रुप दावत-ए-इस्लाम के संपर्क में आया। कहा जा रहा है कि रियाज की इसी ग्रुप ने शादी भी कराई। कन्हैयालाल की हत्या का दूसरा आरोपी गौस मोहम्मद को रियाज ने कुछ महीने पहले ही टीम में शामिल किया था।

दावत-ए-इस्लाम के एक मौलाना ने मोहम्मद रियाज को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान बुला लिया। लौटने के बाद रियाज और गौस धर्म के नाम पर युवाओं को उकसा रहे थे। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा और जोधपुर में बेरोजगार युवाओं का ब्रेनवॉश कर आईएसआईएस के स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे। दोनों आरोपियों के मोबाइल से कई देशों के नंबर मिले हैं। दोनों को अरब देशों से फंडिग भी मिली थी।

 

सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश करने वाले का खास आदमी है रियाज
बता दें कि 30 मार्च को चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा में पुलिस ने तीन आतंकियों को 12 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया था। आतंकी जयपुर और अन्य जगह पर सीरियल ब्लास्ट की साजिश कर रहे थे। इन्हीं आतंकियों में टोंक निवासी मुजीब भी था, जो जेल में बंद है। इसी मुजीब का रियाज खास आदमी है। मुजीब लंबे समय से उदयपुर में गाइड का काम करता था। उसने ही राजस्थान में अलसूफा का नेटवर्क खड़ा किया था। 

मध्यप्रदेश में हुआ था अलसूफा का गठन
अलसूफा का गठन 2012 में मध्यप्रदेश के रतलाम में हुआ था। एनआईए ने 2015 में अलसूफा के सरगना अमजद सहित छह लोगों को हिरासत में भी लिया था। 2017 में रतलाम के तरुण सांखला हत्याकांड में जुबैर और अल्तमस सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई। जिसके बाद अलसूफा लगभग खत्म हो गया था लेकिन यह फिर से सक्रिय हो गया।

मुजीब ने राजस्थान में अलसूफा का नेटवर्क खड़ा किया
टोंक का रहने वाला मुजीब लंबे समय से उदयपुर में गाइड का काम करता था। उसने यहां अलसूफा का नेटवर्क खड़ा किया। रियाज उसका सबसे खास शार्गिद था। जांच में दोनों के अक्सर मिलने और मोबाइल पर लंबी बातचीत के सबूत मिले हैं। मुजीब की गिरफ्तारी के बाद एनआईए रियाज को पकड़ने की तैयारी में थी पर उससे पहले ही उसने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दे दिया।

विस्तार

कन्हैयालाल हत्याकांड का आरोपी मोहम्मद रियाज अत्तारी राजस्थान में आंतक फैलाने वाली बड़ी साजिश में शामिल है। रियाज के तार अलसूफा से जुड़े हैं। यह संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के रिमोट स्लीपर सेल के तौर पर काम करता है। रियाज पिछले पांच साल से अलसूफा के लिए राजस्थान के आठ जिलों में स्लीपर सेल बना रहा था।


मीडिया रिपोर्टस के अनुसार रियाज 20 साल पहले अपना घर छोड़कर उदयपुर आ गया था। यहीं वह पाकिस्तान से ऑपरेट होने वाले ग्रुप दावत-ए-इस्लाम के संपर्क में आया। कहा जा रहा है कि रियाज की इसी ग्रुप ने शादी भी कराई। कन्हैयालाल की हत्या का दूसरा आरोपी गौस मोहम्मद को रियाज ने कुछ महीने पहले ही टीम में शामिल किया था।

दावत-ए-इस्लाम के एक मौलाना ने मोहम्मद रियाज को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान बुला लिया। लौटने के बाद रियाज और गौस धर्म के नाम पर युवाओं को उकसा रहे थे। दोनों उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, राजसमंद, टोंक, बूंदी, बांसवाड़ा और जोधपुर में बेरोजगार युवाओं का ब्रेनवॉश कर आईएसआईएस के स्लीपर सेल से जोड़ रहे थे। दोनों आरोपियों के मोबाइल से कई देशों के नंबर मिले हैं। दोनों को अरब देशों से फंडिग भी मिली थी।

 

सीरियल ब्लास्ट करने की साजिश करने वाले का खास आदमी है रियाज

बता दें कि 30 मार्च को चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा में पुलिस ने तीन आतंकियों को 12 किलो विस्फोटक के साथ गिरफ्तार किया था। आतंकी जयपुर और अन्य जगह पर सीरियल ब्लास्ट की साजिश कर रहे थे। इन्हीं आतंकियों में टोंक निवासी मुजीब भी था, जो जेल में बंद है। इसी मुजीब का रियाज खास आदमी है। मुजीब लंबे समय से उदयपुर में गाइड का काम करता था। उसने ही राजस्थान में अलसूफा का नेटवर्क खड़ा किया था। 


मध्यप्रदेश में हुआ था अलसूफा का गठन

अलसूफा का गठन 2012 में मध्यप्रदेश के रतलाम में हुआ था। एनआईए ने 2015 में अलसूफा के सरगना अमजद सहित छह लोगों को हिरासत में भी लिया था। 2017 में रतलाम के तरुण सांखला हत्याकांड में जुबैर और अल्तमस सहित आठ लोगों की गिरफ्तारी हुई। जिसके बाद अलसूफा लगभग खत्म हो गया था लेकिन यह फिर से सक्रिय हो गया।


मुजीब ने राजस्थान में अलसूफा का नेटवर्क खड़ा किया

टोंक का रहने वाला मुजीब लंबे समय से उदयपुर में गाइड का काम करता था। उसने यहां अलसूफा का नेटवर्क खड़ा किया। रियाज उसका सबसे खास शार्गिद था। जांच में दोनों के अक्सर मिलने और मोबाइल पर लंबी बातचीत के सबूत मिले हैं। मुजीब की गिरफ्तारी के बाद एनआईए रियाज को पकड़ने की तैयारी में थी पर उससे पहले ही उसने जघन्य हत्याकांड को अंजाम दे दिया।

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