नेशनल हेराल्ड के 16 ठिकानों पर छापे: सोनिया-राहुल से पूछताछ के बाद कार्रवाई, राहुल बोले- तानाशाह के हर फरमान से हमें लड़ेंगेट

नेशनल हेराल्ड के 16 ठिकानों पर छापे: सोनिया-राहुल से पूछताछ के बाद कार्रवाई, राहुल बोले- तानाशाह के हर फरमान से हमें लड़ेंगेट

5 मिनट पहले

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने दिल्ली स्थित नेशनल हेराल्ड के ऑफिस समेत 16 ठिकानों पर छापा मारा है। यह कार्रवाई सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद की जा रही है। इस कार्रवाई के बाद राहुल ने सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तानाशाह के हर फरमान से हमें लड़ना है।

27 जुलाई को ED ने कांग्रेस अध्यक्ष से यह अहम सवाल किए…

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3 दिन में सोनिया से 12 घंटे पूछताछ
पहली बार सोनिया 21 जुलाई को ED दफ्तर पहुंची थीं, यहां उनसे 3 घंटे पूछताछ हुई। इसके बाद 5 दिन का ब्रेक मिला। इसके बाद ईडी ने उन्हें 26 जुलाई को बुलाया और 6 घंटे तक सवाल किए। फिर बीते हफ्ते बुधवार को ईडी ने सोनिया को पूछताछ के लिए बुलाया था, यहां एजेंसी ने उनसे 3 घंटे पूछताछ की। कुल 12 घंटे हुई पूछताछ के दौरान उनसे 100 से ज्यादा सवाल किए गए।

जानिए नेशनल हेराल्ड केस क्या है?
नेशनल हेराल्ड केस का मामला सबसे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में उठाया था। अगस्त 2014 में ED ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। केस में सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के ही मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को आरोपी बनाया गया था। नीचे ग्राफिक्स से समझिए इस पूरे केस को…

नेहरू ने शुरू किया था नेशनल हेराल्ड अखबार
जिस नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मामले में सोनिया और राहुल को ED ने समन भेजा है, उसे 1938 में जवाहर लाल नेहरू ने 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर शुरू किया था। इस अखबार का प्रकाशन असोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (AJL) द्वारा किया जाता था। आजादी के बाद ये अखबार कांग्रेस का मुखपत्र बन गया।

AJL इस अखबार का प्रकाशन तीन भाषाओं में करता था। अंग्रेजी में ‘नेशनल हेराल्ड’ के अलावा हिंदी में ‘नवजीवन’ और उर्दू में ‘कौमी आवाज।’ धीरे-धीरे अखबार घाटे में चला गया और कांग्रेस से मिले 90 करोड़ रुपए के कर्ज के बावजूद 2008 में बंद हो गया।

2010 में यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) नामक नया ऑर्गेनाइजेशन बना, जिसने नेशनल हेराल्ड को चलाने वाले AJL का अधिग्रहण कर लिया। YIL के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शामिल थे। YIL में सोनिया और राहुल की हिस्सेदारी 76% थी और बाकी 24% हिस्सेदारी मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीज के पास थी। मोतीलाल वोरा का 2020 और ऑस्कर फर्नांडीज का 2021 में निधन हो चुका है। इसके बाद कांग्रेस ने AJL के 90 करोड़ रुपए लोन को YIL को ट्रांसफर कर दिया।

कांग्रेस का लोन चुकाने के बदले में AJL ने यंग इंडियन को 9 करोड़ शेयर दिए। इन 9 करोड़ शेयरों के साथ यंग इंडियन को AJL के 99% शेयर हासिल हो गए। इसके बाद कांग्रेस ने AJL का 90 करोड़ का लोन माफ कर दिया। सुब्रमण्यम स्वामी ने इसी सौदे पर सवाल उठाते हुए केस फाइल किया था।

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