एजेंसी, इस्लामाबाद।
Published by: देव कश्यप
Updated Sat, 25 Sep 2021 12:31 AM IST
सार
इस्लामाबाद ने प्रमुख अंतरराष्ट्रीय चौराहे पर अफगानिस्तान से आने वाले लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। एक अन्य अफगान ने कहा, सीमा पर हालात बहुत मुश्किल हैं। पाकिस्तान अफगान राष्ट्रीय आईडी (तजकिरा) धारकों को भी नहीं घुसने दे रहा।
अफगानिस्तान-पाकिस्तान (सांकेतिक तस्वीर)
– फोटो : Shutterstock
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वहीं, अफगान सीमा पर तैनात गश्तकर्मियों का कहना है कि डिहाइड्रेशन और उष्माघात (हीटस्ट्रोक) के कारण यहां कई लोगों की जान जा चुकी है, क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से न्यूयार्क पोस्ट ने बुधवार दोपहर मजाल गेट के पास दो और अफगानों की मौत का दावा किया है। पोस्ट को एक महिला ने बताया, तीन महीने पहले, मैं पाकिस्तानी डॉक्टर को दिखाने गई थी, जिन्होंने मुझे ऑपरेशन के लिए दोबारा आने को कहा था। लेकिन अब मुझे सीमा में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जा रही।
एक अन्य अफगान ने कहा, सीमा पर हालात बहुत मुश्किल हैं। पाकिस्तान अफगान राष्ट्रीय आईडी (तजकिरा) धारकों को भी नहीं घुसने दे रहा। इन इलाकों में गश्त करने वाले तालिबान पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह इलाका एक तरह से सैन्य क्षेत्र बन गया है। सीमा क्षेत्र के प्रभारी मोहम्मद सादिक सबरी ने कहा, पाकिस्तान समस्याएं खड़ी कर रहा है। कंधार के लोगों के प्रवेश की अनुमति को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। इसके बदले में पाक के चमन और क्वेटा के लोग राष्ट्रीय आइडी से अफगानिस्तान में प्रवेश पा सकते हैं।
न्यूयार्क पोस्ट का कहना है, पाकिस्तान ने स्वास्थ्य क्षेत्र समेत कई सार्वजनिक सेवाएं भी रोक दी हैं। इस बीच, तालिबान पाकिस्तान से मानवीय आधार पर फौरन सीमा खोलने का आह्वान कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान का तर्क है कि उसने दो दशक में अब तक सबसे ज्यादा अफगान शरणार्थियों को शरण दी है। अब वह अपने राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर ज्यादा लोगों को जगह नहीं दे सकता है।
विस्तार
वहीं, अफगान सीमा पर तैनात गश्तकर्मियों का कहना है कि डिहाइड्रेशन और उष्माघात (हीटस्ट्रोक) के कारण यहां कई लोगों की जान जा चुकी है, क्योंकि उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल सका। प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से न्यूयार्क पोस्ट ने बुधवार दोपहर मजाल गेट के पास दो और अफगानों की मौत का दावा किया है। पोस्ट को एक महिला ने बताया, तीन महीने पहले, मैं पाकिस्तानी डॉक्टर को दिखाने गई थी, जिन्होंने मुझे ऑपरेशन के लिए दोबारा आने को कहा था। लेकिन अब मुझे सीमा में प्रवेश की इजाजत नहीं दी जा रही।
एक अन्य अफगान ने कहा, सीमा पर हालात बहुत मुश्किल हैं। पाकिस्तान अफगान राष्ट्रीय आईडी (तजकिरा) धारकों को भी नहीं घुसने दे रहा। इन इलाकों में गश्त करने वाले तालिबान पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह इलाका एक तरह से सैन्य क्षेत्र बन गया है। सीमा क्षेत्र के प्रभारी मोहम्मद सादिक सबरी ने कहा, पाकिस्तान समस्याएं खड़ी कर रहा है। कंधार के लोगों के प्रवेश की अनुमति को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। इसके बदले में पाक के चमन और क्वेटा के लोग राष्ट्रीय आइडी से अफगानिस्तान में प्रवेश पा सकते हैं।
न्यूयार्क पोस्ट का कहना है, पाकिस्तान ने स्वास्थ्य क्षेत्र समेत कई सार्वजनिक सेवाएं भी रोक दी हैं। इस बीच, तालिबान पाकिस्तान से मानवीय आधार पर फौरन सीमा खोलने का आह्वान कर रहा है। लेकिन पाकिस्तान का तर्क है कि उसने दो दशक में अब तक सबसे ज्यादा अफगान शरणार्थियों को शरण दी है। अब वह अपने राष्ट्रीय हितों के मद्देनजर ज्यादा लोगों को जगह नहीं दे सकता है।
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