कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज के मामले में एक साल की सजा हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया था और आज नवजोत सिंह सिद्धू सरेंडर भी कर सकते हैं। इस बीच उनके विरोधी कहे जाने वाले पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर राजा वडिंग उनके समर्थन में आए हैं। अमरिंदर राजा ने ट्वीट किया, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए मैं अपने सीनियर साथी नवजोत सिंह सिद्धू के प्रति अपना समर्थन जताता हूं। मैं इस मुश्किल वक्त में उनके और उनके परिवार के साथ हूं।’ उनसे पहले कांग्रेस के कई और नेता नवजोत सिद्धू का समर्थन कर चुके हैं।
यही नहीं आज सुबह बड़ी संख्या में कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात करने उनके पटियाला स्थित घर पर पहुंचे। उन्हें 1988 में हुई रोड रेज की एक घटना में यह सजा सुनाई गई थी। इस घटना में नवजोत सिंह सिद्धू पर एक व्यक्ति की गैर-इरादतन हत्या करने का आरोप है। अदालत ने उन्हें शुक्रवार को सरेंडर करने को कहा था लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू ने आज के लिए राहत की मांग की है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया है और उन्हें चीफ जस्टिस के समक्ष अर्जी दाखिल करने को कहा गया है। ऐसे में इस बात को लेकर संशय पैदा हो गया है कि वह आज सरेंडर करेंगे या नहीं।
सिद्धू गिरफ्तार होंगे या करेंगे सरेंडर? 1988 का मामला जिसमें दूसरी बार जेल जाएंगे ‘गुरु’
संबंधित खबरें
हालांकि इससे पहले गुरुवार रात को पटियाला के कांग्रेस अध्यक्ष नरिंदर पाल लाली ने पार्टी समर्थकों से कहा था कि नवजोत सिंह सिद्धू सुबह 10:30 बजे सरेंडर करेंगे। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सुबह कोर्ट परिसर पहुंचने को भी कहा था। लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू सरेंडर के लिए नहीं पहुंचे। गौरतलब है कि नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसी साल मार्च में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान वह पद पर थे, लेकिन पार्टी की करारी हार के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं लंबे समय से कांग्रेस हाईकमान और उनके बीच मतभेद भी चल रहे हैं।
More News
15 अगस्त पर दिल्ली को दहलाने की साजिश नाकाम: पंजाब पुलिस ने चार आतंकी पकड़े; IED के साथ तीन ग्रेनेड और पिस्टल बरामद
Jammu kashmir News : आतंकी के परिवार ने घर पर फहराया तिरंगा, बेटे से लौटने की लगाई गुहार
Delhi: 15 अगस्त के बाद लाखों तिरंगे झंडों का क्या होगा? दिल्ली सरकार ने बनाई ये विशेष योजना