अशोक गहलोत को यकीन हो गया कि इस बार नहीं चलेगा जादू? सचिन पायलट पर हमले के क्या मायने

अशोक गहलोत को यकीन हो गया कि इस बार नहीं चलेगा जादू? सचिन पायलट पर हमले के क्या मायने

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Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर दिए गए बयान से बवाल मच गया है। पायलट को गद्दार बताने वाले गहलोत के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। गहलोत के दशकों पुराने राजनीतिक अनुभव को देखते हुए उनके बयान को हल्के में नहीं लिया जा रहा है। यही वजह रही कि शाम होते-होते कांग्रेस के जयराम रमेश और फिर सचिन पायलट को इस बाबत अपनी प्रतिक्रिया देनी पड़ी। पायलट ने पलटवार करते हुए कहा कि गहलोत अनुभवी नेता हैं, लेकिन पता नहीं उन्हें मेरे ऊपर झूठे व निराधार आरोप लगाने की सलाह कौन दे रहा है। साल 2020 के मध्य में सचिन पायलट की बगावत के पूरे एपिसोड के बाद पहली बार अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम पर इतना तीखा हमला बोला है। इस वजह से कयास लगने लगे हैं कि क्या ‘जादूगर’ को यकीन हो गया है कि कांग्रेस आलाकमान के सामने उनका जादू अब नहीं चलेगा? इसके ही चलते वे गांधी परिवार से ठीक उस समय सीधी टक्कर ले रहे हैं, जब कांग्रेस का भविष्य तय करने वाली राहुल गांधी के नेतृत्व में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ निकल रही है व कुछ ही दिनों में यह यात्रा राजस्थान में प्रवेश करने वाली है। 

पायलट की तस्वीर तो नहीं बन गई आगबबूला होने की वजह?

इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश से गुजर रही है। गुरुवार को जब यात्रा की शुरुआत हुई, तो उस समय सचिन पायलट भी शामिल होने के लिए पहुंचे। वहीं, राहुल और सचिन पायलट के अलावा, प्रियंका गांधी वाड्रा और रॉबर्ट वाड्रा ने भी काफी देर तक पद यात्रा की। राहुल गांधी, सचिन पायलट और प्रियंका गांधी की तस्वीर सामने आने से अटकलें लगाई जाने लगीं कि यात्रा में राजस्थान संकट को लेकर भी चर्चा हुई है। मालूम हो कि गांधी परिवार काफी समय से सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाना चाह रहा है, लेकिन 25 सितंबर को गहलोत के करीबियों द्वारा की गई बगावत के बाद मामला अधर में लटका हुआ है। ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की तस्वीर शेयर करते हुए सचिन पायलट ने ट्वीट किया, ”भारत जोड़ो यात्रा का आज एक नया दिन परंतु देश जोड़ने का संकल्प व जोश वही। मध्य प्रदेश के बोरगांव से आज आरंभ हुई भारत जोड़ो यात्रा में सम्मिलित हुआ। राहुल गांधी जी एवं  प्रियंका गांधी जी के साथ उठता हर कदम एक सकारात्मक परिवर्तन की ओर इशारा करता है।” इस ट्वीट में परिवर्तन शब्द के भी मायने निकाले जाने लगे। कहा जाने लगा कि कहीं परिवर्तन से सचिन पायलट का आशय राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन पर तो नहीं है? तस्वीर और ट्वीट के बाद पहले से ही पायलट के विरोधी रहे गहलोत खुलकर सामने आ गए और सचिन पायलट को गद्दार तक बता दिया।

गहलोत को लगने लगा कि अब नहीं चलेगा उनका जादू?

अशोक गहलोत जादूगर रहे हैं और राजनीति में भी खुद ही इसका कई बार जिक्र भी कर चुके हैं। वे कहते रहे हैं कि जादूगर होने की वजह से ही वे यहां तक (मुख्यमंत्री पद) पहुंचे हैं। कुछ साल पहले वायरल हुए एक वीडियो में अशोक गहलोत कहते हुए सुनाई देते हैं, ”माली कम्युनिटी का 200 में से एक विधायक जीतकर आता है। इसके बाद भी बार-बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बन जाते हैं। यह एक जादू ही है।” गहलोत के पिता लक्ष्मण सिंह राजस्थान के मशहूर जादूगर रहे। उन्हीं से अशोक गहलोत ने भी जादू सीखा और बतौर जादूगर काम भी किया। बाद में राजनीति में आने के बाद भी उनका जमकर जादू चला, लेकिन 25 सितंबर को सीधे गांधी परिवार से टक्कर लेना गहलोत को भारी पड़ गया। सूत्रों के अनुसार, गांधी परिवार किसी भी हालत में सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाना चाहता है, ताकि अगले विधानसभा चुनाव में नए और लोकप्रिय चेहरे पर चुनाव लड़ा जा सके। माना जा रहा है कि पार्टी द्वारा करवाए गए आंतरिक सर्वे में भी सचिन पायलट को अशोक गहलोत के मुकाबले बढ़त हासिल हुई है, लेकिन ‘भारत जोड़ो यात्रा’ और गुजरात चुनाव होने की वजह से गहलोत को हटाकर पायलट को नेतृत्व देने का फैसला कुछ समय के लिए टल गया। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अशोक गहलोत को अब यह मालूम हो गया है कि कांग्रेस आलाकमान किसी भी दबाव में नहीं आएगा और राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के ज्यादा आसार बन रहे हैं। इसी वजह से वे आर-पार के मूड में आ गए हैं।

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