आज पंजाब भाजपा लगाएगी लोगों की विधानसभा: चंडीगढ़ सेक्टर-37 में जुटेंगे; दोनों MLA सदन भी जाएंगे; विश्वास प्रस्ताव पर वॉकआउट संभव

आज पंजाब भाजपा लगाएगी लोगों की विधानसभा: चंडीगढ़ सेक्टर-37 में जुटेंगे; दोनों MLA सदन भी जाएंगे; विश्वास प्रस्ताव पर वॉकआउट संभव

चंडीगढ़14 मिनट पहले

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पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा - Dainik Bhaskar

पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा

पंजाब की AAP सरकार के विधानसभा सेशन का भाजपा द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। आशंका है कि AAP GST, बिजली, पराली के मुद्दों की आड़ में विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव लाएगी। इसके विरोध में भाजपा भी समानांतर जनता की विधानसभा लगाएगी। भाजपा के सभी नेता और समर्थक सेक्टर 37/ए स्थित बतरा सिनेमा की पार्किंग में सुबह 11:30 बजे जनता की विधानसभा लगाएंगे।

हालांकि भाजपा पंजाब के अध्यक्ष, अश्वनी शर्मा समेत दोनों विधायक विधानसभा सदन में भी जाएंगे, लेकिन यदि AAP द्वारा पंजाब के महत्वपूर्ण मामलों के अलावा विश्वास प्रस्ताव लाया गया तो दोनों विधायक सदन का बायकॉट करके बाहर आ सकते हैं। AAP के बहिष्कार के बाद अश्वनी शर्मा समेत दोनों भाजपा विधायक चंडीगढ़ के सेक्टर-37 में लगाई जा रही जनता की विधानसभा में पहुंचेंगे।

कोर कमेटी की मीटिंग में लिया फैसला

पंजाब विधान सभा सेशन के लिए जहां AAP रणनीति बनाने में जुटी थी, वहीं भाजपा ने भी कोर कमेटी की मीटिंग की। इस मीटिंग के बाद भाजपा पंजाब के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके स्पष्ट किया कि भाजपा सेक्टर-37/ए स्थित बतरा सिनेमा की पार्किंग में बैठकर आज सुबह 11:30 बजे जनता की विधानसभा लगाएगी, ताकि लोगों के सामने AAP का पर्दाफाश किया जा सके।

अश्वनी शर्मा ने कहा कि AAP ने पंजाब के लोगों से कई वादे किए, लेकिन किसी एक को भी पूरा नहीं किया। पंजाब की कानून व्यवस्था बदतर हो चुकी है। किसानों की हालत बद से बदतर है। पंजाब को कर्जे से उबारने के लिए AAP के पास कोई नीति नहीं है। बावजूद इसके CM भगवंत मान समेत AAP के सभी विधायक पंजाब के असल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने में जुटे हैं।

कैप्टन ने कांग्रेस को बताया छोटी सोच वाली पार्टी

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी भाजपा में शामिल होकर कोर कमेटी की मीटिंग में पहुंचे थे। यह पहला मौका था, जब कैप्टन भाजपा के मंच पर मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस में छोटी सोच के लोग हैं। इसी कारण वह करीब एक महीना पहले ही सोनिया गांधी (हाईकमान) के पास अपना इस्तीफा ले गए थे, लेकिन पार्टी में लगातार टांग खींचने का दौर जारी रहा और उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

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