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- On The Comparison Of Modi Ambedkar, The Pros And Cons Are Face To Face, Nadda Said – These Are His Personal Views, Do Not Insult Him
10 मिनट पहले
तमिलनाडु के संगीतकार इलैयाराजा की किताब अंबेडकर एंड मोदी पर बवाल हो गया है। दरअसल, इलैयाराजा ने अपनी किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना डॉ. बीआर अंबेडकर से की है। इस पर DMK और कांग्रेस उनके खिलाफ हो गए हैं। हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इलैयाराजा का बचाव किया है।
नड्डा ने कहा कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ दल से जुड़े लोग भारत के सबसे बड़े संगीत उस्तादों में से एक को अपमानित कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि उनके विचार एक राजनीतिक दल के लिए सही नहीं हैं। नड्डा ने पूछा, ‘क्या यह लोकतांत्रिक है? हर किसी के अपने-अपने विचार हो सकते हैं, इस पर उनका अपमान क्यों करना?’ राज्य में कई लोगों ने इलैयाराजा के विचारों की आलोचना कर रहे हैं।
नड्डा बोले- भाजपा के खिलाफ उठ रही आवाजों ने मोदी के लिए इलैयाराजा के समर्थन पर सवाल उठाया है
वहीं, ऑस्कर विजेता संगीतकार ए आर रहमान की प्रतिक्रिया के लिए प्रशंसा की गई है। जिसमें उन्होंने अमित शाह के हिंदी को एकीकृत भाषा के रूप में बोले जाने के बयान पर कहा कि तमिल को देश में लिंक भाषा होना चाहिए। नड्डा ने कहा कि दोनों ही संगीतकारों की अपनी-अपनी सोच है।
सोशल मीडिया पर इलैयाराजा को ट्रोल करना सही नहीं
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 78 साल के इलैयाराजा को दुनिया भर में उनके संगीत के लिए कई नामों से जाना जाता है, जैसे कि ‘उस्ताद,’ इसाइगनी’ (संगीत के संत)। लेकिन इन नामों ने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल होने से नहीं बचाया। ऐसे समय में जब देश में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा बढ़ रही थी, भाजपा के खिलाफ उठ रही आवाजों ने मोदी के लिए इलैयाराजा के समर्थन पर सवाल उठाया है।
विवादों में गिरी बुक का कवर।
दोनों की तुलना पूरी तरह से अनुचित है
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘यह तुलना पूरी तरह से अनुचित है, क्योंकि मोदी की तुलना उस विद्वान के साथ की गई है जिन्होंने हमारे संविधान को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’
इलैयाराजा का अपना बयान वापस लेने से इंकार
इलैयाराजा के छोटे भाई गंगाई अमरान ने बताया कि वह प्रधानमंत्री मोदी पर की गई अपनी टिप्पणी को वापस नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि हर किसी को अपनी राय रखने का अधिकार है। गंगई अमरन ने साल 2017 में भाजपा का हाथ थामा था।
14 अप्रैल को हुआ था पुस्तक का विमोचन
14 अप्रैल को ‘अंबेडकर एंड मोदी: रिफॉर्म्स आइडियाज, परफॉर्मेंस इंप्लीमेंटेशन’ नामक पुस्तक को लॉन्च किया गया था। ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन ने इसे प्रकाशित किया था। इस बुक में कई चीजों में अंबेडकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना की गई है। तभी से इस पर विवाद हो रहा है। इलैयाराजा के परिवार को भी सोशल मीडिया पर हो रहे विवाद में घसीटा जा रहा है।
ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन के CEO अखिलेश मिश्रा द्वारा ट्विटर पर अपलोड किए गए बुक के कुछ अंश।
बुक में अंबेडकर और मोदी की तुलना
इस पुस्तक में अंबेडकर और मोदी दोनों के व्यक्तित्वों के बीच कुछ समानताएं दिखाई गई हैं। दोनों समाज के अशक्त वर्गों के लोगों के सामने आने वाली बाधाओं के खिलाफ लड़े हैं। दोनों ने गरीबी और सामाजिक ढांचे को करीब से देखा और उन्हें खत्म करने का काम किया। दोनों सोचने के साथ-साथ काम करने में भी विश्वास रखते हैं।
बुक में मोदी के नेतृत्व में भारत की विकास यात्रा को अंबेडकर की दृष्टि के साथ दिखाने का प्रयास किया गया है। इलैयाराजा ने मोदी की प्रशंसा करते हुए युवाओं को इसे पढ़ने की सलाह दी है, ताकि उन्हें यह बताया जा सके कि ‘न्यू इंडिया’ कैसे बनाया जा रहा है।
इलैयाराजा को दोषी ठहराने वालों की आलोचना
वहीं, इलैयाराजा के बेटे युवान शंकर राजा ने सोमवार को ट्विटर पर एक तस्वीर शेयर की और कैप्शन लिखा, ‘डार्क द्रविड़ियन। प्राउड तमिलियन।’ इस पर भाजपा के तमिलनाडु अध्यक्ष के अन्नामलाई ने मीडिया से कहा, ‘मैं काला और उससे ज्यादा द्रविड़ियन और तमिलियन हूं। अगर वह अंधेरा है, तो मैं कौवे की तरह काला हूं।’ अन्नामलाई ने पहले इलैयाराजा को दोषी ठहराने वालों की आलोचना की थी और उन्हें DMK द्वारा बनाए गए एक इकोसिस्टम के शक्ति दलाल बताया था।
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