न्यूज डेस्क, अमर उजाला, देहरादून
Published by: अलका त्यागी
Updated Tue, 05 Oct 2021 12:52 PM IST
सार
Chardham Yatra 2021: पूर्व में कोर्ट ने केदारनाथ धाम के लिए प्रतिदिन 800, बदरीनाथ धाम के लिए 1000, गंगोत्री के लिए 600, यमुनोत्री के लिए 400 श्रद्धालुओं की ही अनुमति दी थी।
नैनीताल हाईकोर्ट
– फोटो : फाइल फोटो
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चारधाम यात्रा 2021: छह अक्तूबर से फिर शुरू होगा पंजीकरण, हर यात्री का आधार नंबर होगा जरूरी
सरकार ने दाखिल किया था प्रार्थना पत्र
यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाल ही में सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। इसके बाद सोमवार को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट में इस प्रकरण पर शीघ्र सुनवाई के लिए प्रार्थना की थी।
महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की थी। वर्तमान में प्रदेश में कोविड के मामले ना के बराबर आ रहे हैं। इसलिए चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या को बढ़ाया जाए।
यात्रा समाप्त होने में बचा 40 दिन का समय
महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा है। इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे हैं, उन्हें दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं वे नहीं आ रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है। सरकार की ओर से कहा गया था कि कोर्ट के पूर्व के दिशा निर्देशों का हर संभव पालन किया जा रहा।
चारधाम तीर्थयात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण में छूट
चारधाम यात्रा के लिए बाहरी राज्यों से आने वाले यात्रियों को अब स्मार्ट सिटी पोर्टल पर अलग से पंजीकरण नहीं करना पड़ेगा। यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार ने इस व्यवस्था में छूट दी है। हालांकि ई-पास के उन्हें देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in व www.badrinath-kedarnath.gov.in पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण होगा।
विस्तार
चारधाम यात्रा 2021: छह अक्तूबर से फिर शुरू होगा पंजीकरण, हर यात्री का आधार नंबर होगा जरूरी
सरकार ने दाखिल किया था प्रार्थना पत्र
यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर हाल ही में सरकार ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दाखिल किया था। इसके बाद सोमवार को महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर और मुख्य स्थायी अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत ने कोर्ट में इस प्रकरण पर शीघ्र सुनवाई के लिए प्रार्थना की थी।
महाधिवक्ता ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा था कि कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की थी। वर्तमान में प्रदेश में कोविड के मामले ना के बराबर आ रहे हैं। इसलिए चारधाम यात्रा के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या को बढ़ाया जाए।
यात्रा समाप्त होने में बचा 40 दिन का समय
महाधिवक्ता ने कोर्ट में कहा था कि चारधाम यात्रा समाप्त होने में 40 दिन से कम का समय बचा है। इसलिए जितने भी श्रद्धालु वहां आ रहे हैं, उन्हें दर्शन करने की अनुमति दी जाए। जो श्रद्धालु ऑनलाइन दर्शन करने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं वे नहीं आ रहे हैं। इससे स्थानीय लोगों के सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है। सरकार की ओर से कहा गया था कि कोर्ट के पूर्व के दिशा निर्देशों का हर संभव पालन किया जा रहा।
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