कश्मीर छोड़ चुके पंडितों की संपत्ति किराए पर लेगी सरकार: 600 से ज्यादा संपत्तियां किराए पर लेने का चल रहा विचार, करार इसी महीने से

कश्मीर छोड़ चुके पंडितों की संपत्ति किराए पर लेगी सरकार: 600 से ज्यादा संपत्तियां किराए पर लेने का चल रहा विचार, करार इसी महीने से

जम्मू/श्रीनगर2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

कश्मीर घाटी से विस्थापित पंडित अपनी अचल संपत्ति सरकार को किराए पर दे सकेंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय घाटी के बाहर रह रहे पंडितों से इसी महीने से किराए पर संपत्ति लेने का करार करने की तैयारी में है। शुरू में 692 ऐसे पंडितों की अचल संपत्ति किराए पर लेने पर विचार हो रहा है।

दरअसल, यह ऐसी संपत्ति है, जिन्हें आर्टिकल 370 रद्द करने के बाद कब्जे से मुक्त कराकर असली मालिकों को सौंपा गया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि जम्मू और कश्मीर प्रवासी अचल संपत्ति अधिनियम 1997 के तहत, जिलाधिकारी विस्थापितों की अचल संपत्ति के लीगल गार्जियन होते हैं। इस संपत्ति से विस्थापितों को कोई आर्थिक लाभ जैसे कि किराया, पट्टा आदि नहीं मिलता। संपत्ति का फायदा कब्जेधारी को होता रहा है।

कश्मीरी पंडितों की 302 एकड़ जमीन कब्जामुक्त
सूत्रों के मुताबिक, 5 अगस्त 2019 के बाद केंद्र सरकार ने विस्थापितों की अचल संपत्ति को कब्जे से मुक्त कराना शुरू किया। अब तक ऐसी 2414 कनाल यानी 302 एकड़ जमीन कब्जामुक्त करा दी गई है।अब सरकार ने यह योजना बनाई है कि विस्थापित कश्मीरी पंडित अपने मकान या जमीन को सरकार को किराए या पट्टे पर उपयोग के लिए दे सकते हैं। इससे उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा।

यह भी पढे़ं- कश्मीरी पंडितों की 302 एकड़ जमीन कब्जामुक्त:पर असल मालिक नहीं आ रहे; सबसे ज्यादा कब्जे अनंतनाग, कुपवाड़ा, बारामूला और बडगाम में

संपत्ति रजिस्टर करानी होगी
विस्थापित कश्मीरी इस योजना से जुड़ने के लिए वेबसाइट jkmigrantrelief.nic.in पर संपत्ति को कब्जे से मुक्त कराने और मुक्त कराई संपत्ति को सरकार को किराए पर देने के लिए रजिस्टर करा सकते हैं।

  • साइट पर नया फीचर जोड़ा जाएगा, जिस पर संपत्ति का ब्यौरा डाल सकते हैं।
  • रजिस्ट्रेशन और संपत्ति का ब्यौरा देने के बाद यूनिक आईडी जेनरेट होगी।
  • इस आईडी को रेफरेंस के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • इसको दर्ज करने पर आवेदन की स्थिति का भी पता चलेगा।

खबरें और भी हैं…

Source link