लंदन/वाशिंगटन: काबुल एयरपोर्ट पर सीरियल ब्लास्ट को लेकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि काबुल ब्लास्ट एक बर्बर आतंकी हमला है। अफगानिस्तान से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहेगा। हमें अफगानिस्तान से लोगों को निकालने का काम तेज करना होगा। बोरिस जॉनसन ने कहा कि हमने 3 दिन पहले धमाके का अलर्ट दिया था। काबुल को लेकर हमारी चेतावनी सही निकली। अफगान नागरिकों को मदद करना पूरी दुनिया की जिम्मेदारी है।
अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के रिपोर्टर के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट सीरियल फिदायीन ब्लास्ट में 60 से ज्यादा अफगान नागरिकों की मौत हुई है। धमाके में 4 अमेरिकी मरीन कमांडो की भी मौत हो गई है। वहीं फॉक्स न्यूज ने दावा किया है कि काबुल एयरपोर्ट बम धमाकों में 10 अमेरिकी मरीन कमांडो की मौत हुई है। वहीं रुसी मीडिया के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट के पास गुरुवार देर रात एक और धमाका हुआ है। रुस की सरकारी मीडिया ‘स्पुतनिक’ ने काबुल एयरपोर्ट के पास तीसरे धमाके का दावा किया है।
लोगों को बाहर निकालने की 31 अगस्त है समयसीमा
बता दें कि, लोगों को हवाई मार्ग से अफगानिस्तान से बाहर निकालने की 31 अगस्त की समयसीमा के नजदीक आने के बीच पश्चिमी राष्ट्रों ने हवाईअड्डे पर संभावित हमले की आशंका जताई थी। भीड़ को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले का संदेह इस्लामिक स्टेट समूह पर जाता है, तालिबान पर नहीं जो हवाई अड्डे के दरवाजों पर भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए तैनात हैं। हवाईअड्डे के बाहर इंतजार कर रहे अफगान नागरिक आदम खान ने धमाका हवाईअड्डे में प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे लोगों के बीच हुआ।
काबुल एयरपोर्ट पर और भी हमला हो सकता है
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर और भी हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर रॉकेट से हमला हो सकता है। काबुल एयरपोर्ट पर धमाके के बाद से अफरातरफी का माहौल है। काबुल से आईं तस्वीरों में लोगों को लहूलुहान और जान बचाकर भागते हुए देखा जा सकता है। काबुल एयरपोर्ट के बाहर पहला धमाका बरून होटल के पास हुआ। इस होटल में ब्रिटेन के सैनिक ठहरे हुए हैं। इस बीच, फ्रांस ने वहां और और धमाकों को लेकर अलर्ट दिया है। काबुल एयरपोर्ट पर सीरियल बम ब्लास्ट के बाद काबुल एयरपोर्ट के सारे दरवाजे बंद कर दिए गए हैं।
अमेरिकी अधिकारी ने कहा- काबुल हवाई अड्डे पर हमले के लिए आईएस समूह जिम्मेदार
अमेरिका के एक अधिकारी का कहना है कि “निश्चित तौर पर माना जा रहा है कि” काबुल हवाई अड्डे के पास हुए बम विस्फोट के पीछे इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह का हाथ है। अधिकारी ने कहा कि दो आत्मघाती हमलावरों और बंदूकधरियों द्वारा बृहस्पतिवार को किये गए हमले में अमेरिका के सैनिक घायल हुए हैं। नाम उजागर न करने की शर्त पर अधिकारी ने यह जानकारी दी। इस्लामिक स्टेट समूह तालिबान से अधिक चरमपंथी है और इसने असैन्य नागरिकों पर कई बार हमले किये हैं।
काबुल ब्लास्ट में कई अमेरिकी सैनिकों की मौत
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम दो धमाके हुए। पहला धमाका एयरपोर्ट के Abbey गेट पर हुआ और दूसरा ब्लास्ट बैरोन होटल के पास हुआ। पेंटागन ने अमेरिकी नागरिकों की मौत की पुष्टि की है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है कि काबुल एयरपोर्ट के पास हुए धमाकों में अमेरिका के नागरिक भी मारे गए हैं। ब्लास्ट में विदेशी नागरिकों और बच्चों के मारे जाने की खबर है। साथ ही एक के बाद एक हुए दो धमाकों में तालिबानी लड़ाकों के भी घायल होने की खबर है। समाचार एजेंसी एपी ने बताया है कि घटना के वक्त एयरपोर्ट के बाहर हजारों की संख्या में अफगान नागरिक मौजूद थे। ऐसे में हताहतों की संख्या काफी बढ़ सकती है। काबुल एयरपोर्ट सीरियल बम धमाकों में 4 अमेरिकी मरीन कमांडो की मौत की पुष्टि की है। हमले में घायल सैनिकों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
तालिबान ने ISIS पर बम ब्लास्ट का शक जताया
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट सीरियल धमाकों में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है वहीं 120 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। तालिबान ने ISIS पर बम ब्लास्ट का शक जताया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि समूह ने अमेरिकियों को काबुल एयरपोर्ट पर आईएसआईएस (ISIS) की ओर से संभावित आतंकवादी हमलों के बारे में जानकारी दे दी थी। उन्होंने कहा कि तालिबान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवादियों को अपने अभियानों के लिए अफगानिस्तान को आधार के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा। तालिबान ने अमेरिकी सैनिकों को आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की ओर से हमले को लेकर चेतावनी दी गई थी।
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