केजरीवाल ने बंगले पर खर्चे 45 करोड़! BJP बोली- सीएम घर में नहीं ‘शीश महल’ में रहते हैं…

केजरीवाल ने बंगले पर खर्चे 45 करोड़! BJP बोली- सीएम घर में नहीं ‘शीश महल’ में रहते हैं…

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले का कायाकल्प किए जाने को लेकर सियासी बखेड़ा खड़ा हो गया है. भारतयी जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल के सरकारी बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. ऐसे में उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. इस पर आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेता राघव चड्ढा ने कहा कि ये केजरीवाल का घर नहीं बल्कि एक सरकारी आवास है.


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राघव चड्ढा ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा कि मुख्यमंत्री आवास 75-80 साल पहले बनाया गया था. इसमें रेनोवेशन के लिए पीडब्ल्यूडी ने ऑडिट किया था और फिर सिफारिश की थी. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद चड्ढा ने कहा, ‘यह सरकारी आवास है, यह अरविंद केजरीवाल की संपत्ति नहीं है. जब तक आप दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास की प्रधानमंत्री के आवास और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आवासों के खर्च से तुलना नहीं करते हैं, तब तक आपको यह कैसे पता लगेगा कि यह कम है या अधिक?’

वहीं, पीडब्ल्यूडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह नवीनीकरण नहीं था और पुराने ढांचे के स्थान पर एक नया ढांचा बनाया गया है. वहां उनका शिविर कार्यालय भी है. खर्च लगभग 44 करोड़ रुपये है, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि पुराने ढांचे को नए के साथ बदला गया है.’

न्यूज एजेंसी पीटीआई को सूत्रों से मिले दस्तावेजों से पता चला है कि 43.70 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई थी. लेकिन केजरीवाल के सरकारी आवास के ‘अतिरिक्त निर्माण या बदलाव’ पर 44.78 करोड़ रुपये खर्च किए गए.

दस्तावेजों के मुताबिक, 9 सितंबर, 2020 से जून, 2022 के बीच 6 किस्तों में ये पैसे खर्च किए गए. इसमें 11.30 करोड़ रुपये घर के अंदर सजावट, 6.02 करोड़ रुपये पत्थर और मार्बल व फर्श, एक करोड़ रुपये इंटीरियर कंसल्टेंसी, 2.58 करोड़ रुपये बिजली फिटिंग और उपकरण, 2.85 करोड़ रुपये फायर सिस्टम, 1.41 करोड़ रुपये वार्डरोब और एसेसरीज फिटिंग पर और किचन के लिए 1.1 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है.

दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस मामले पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह स्थापित हो गया है कि केजरीवाल एक घर में नहीं बल्कि एक ‘शीश महल’ में रहते हैं.

उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये ऐसे समय में खर्च किए गए जब दिल्ली कोरोना महामारी से जूझ रही थी. उन्होंने कहा, ‘केजरीवाल को अपने उस नैतिक अधिकार के बारे में दिल्ली के लोगों को जवाब देना चाहिए, जिसके तहत उन्होंने अपने बंगले के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए, जब कोविड के दौर में अधिकांश सार्वजनिक विकास कार्य ठप थे.’

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