केरल के 873 पुलिस कर्मियों का PFI से लिंक: NIA की रिपोर्ट में खुलासा; सभी पर छापेमारी से जुड़ी इंफॉर्मेशन लीक करने का आरोप

केरल के 873 पुलिस कर्मियों का PFI से लिंक: NIA की रिपोर्ट में खुलासा; सभी पर छापेमारी से जुड़ी इंफॉर्मेशन लीक करने का आरोप

तिरुवनन्तपुरम26 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

केरल में कम से कम 873 पुलिस कर्मी प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े है। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने केरल पुलिस चीफ को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है। अब राज्य के सब-इंस्पेक्टर (SI) और स्टेशन हेड ऑफिसर (SHO) रैंक के अधिकारी और सिविल पुलिस कर्मी केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। इन अफसरों के बैंक अकाउंट्स और पैसे के लेन-देन का ब्योरा जुटाया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, NIA की लिस्ट में स्पेशल ब्रांच, इंटेलिजेंस, लॉ और ऑर्डर विंग से संबंधित कर्मी और केरल पुलिस के अधिकारियों के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस की ओर से की गई छापेमारी सहित कई हम जानकारियां लीक की हैं।

फरवरी में कई पुलिस कर्मी हुए सस्पेंड
पिछली फरवरी में, थोडुपुझा में करीमन्नूर पुलिस स्टेशन से जुड़े एक सिविल पुलिस अधिकारी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं की जानकारी PFI को लीक करने के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इसी तरह के मामले में मुन्नार थाने में भी एक SI समेत तीन पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया था।

मंगलुरु के कन्नड़ तालुक के बंटवाला में नैनाडु रोड पर PFI के लोगों ने लिखा कि हम वापस आएंगे।

मंगलुरु के कन्नड़ तालुक के बंटवाला में नैनाडु रोड पर PFI के लोगों ने लिखा कि हम वापस आएंगे।

जांच एजेंसियों ने दो राउंड में ताबड़तोड़ छापे मारे थे, 2 दिन में 278 गिरफ्तारियां हुईं
NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने 22 और 27 सितंबर को PFI और उससे जुड़े संगठनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। 2 दिन के भीतर 278 गिरफ्तारियां हुईं। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद यह कार्रवाई की गई।​​​​ हालांकि, इस दौरान कई जगहों पर प्रदर्शन भी किए गए। सबसे ज्यादा प्रदर्शन केरल राज्य में हुआ।

PFI पर 5 साल का बैन
सरकार ने 28 सिंतबर को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, यानी PFI को 5 साल के लिए बैन कर दिया। PFI के अलावा 8 और संगठनों पर कार्रवाई की गई है। इन सभी के खिलाफ टेरर लिंक के सबूत मिले हैं। केंद्र सरकार ने यह एक्शन (अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) UAPA के तहत लिया है। सरकार ने कहा कि PFI और उससे जुड़े संगठनों की गतिविधियां देश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं।

PFI से जुड़े इन संगठनों पर भी प्रतिबंध
1. रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF)
2. कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI)
3. ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC)
4. नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO)
5. नेशनल विमेन्स फ्रंट
6. जूनियर फ्रंट
7. एम्पावर इंडिया फाउंडेशन
8. रिहैब फाउंडेशन

16 साल पहले बना, 23 राज्यों में फैला
साल 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 23 राज्यों में फैल चुका है।

ये खबर भी पढ़ें…

1. मोदी थे PFI के निशाने पर, केरल में बनी प्लानिंग: कोर्ट में ED बोली – बिहार में मारने की साजिश थी

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 15 राज्यों के 93 ठिकानों पर 22 सितंबर को NIA-ED ने ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत छापेमारी की थी। इस मामले में जांच एजेंसी ने बड़ा दावा किया था। कोझिकोड से गिरफ्तार PFI वर्कर शफीक पायथे के रिमांड नोट में ED ने कहा- पटना में 12 जुलाई को प्रधानमंत्री की रैली में हमले की साजिश की गई थी, जिसकी फंडिंग में शफीक पायथे भी शामिल था। पढ़ें पूरी खबर…

2. PFI ने सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स में लिखा- 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) एक ऐसा संगठन जिस पर बीते सालों में आतंक की कई घटनाओं में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। इस दौरान इसके कई कार्यकर्ता पकड़े गए। इनसे कई दस्तावेज मिले। इसमें लिखा था, 2047 में जब देश आजादी के 100 साल मना रहा होगा, तब तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना है। 10% मुस्लिम भी साथ दें, तो कायरों को घुटनों पर ला देंगे। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…

Source link