चीन का लक्ष्य: AI और मानव रहित हथियारों से लैस हो PLA, 2027 तक पूरी तरह स्वचालित और कंप्यूटरीकृत होने पर फोकस

चीन का लक्ष्य: AI और मानव रहित हथियारों से लैस हो PLA, 2027 तक पूरी तरह स्वचालित और कंप्यूटरीकृत होने पर फोकस

चीनी सेना (फाइल फोटो)।

चीनी सेना (फाइल फोटो)।
– फोटो : पीटीआई

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चीनी सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी – पीएलए) मानव रहित हथियारों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल के लिए उन्नत तकनीक का लाभ उठाने का लक्ष्य साथ लेकर आगे बढ़ रही है। द सिंगापुर पोस्ट की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन का लक्ष्य पीएलए के सैन्य आधुनिकीकरण को एक ऐसे चरण में लाना है, जहां यह 2027 तक पूरी तरह से स्वचालित और कंप्यूटरीकृत हो।

बता दें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 16 अक्तूबर 2022 को कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में 19वीं केंद्रीय समिति की ओर से एक रिपोर्ट पेश की थी। सोमवार को प्रकाशित द सिंगापुर पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि इसमें एक महत्वपूर्ण बिंदु पीएलए के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के इस्तेमाल के संबंध में भी था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शी ने पीएलए को तेजी से एक विश्व स्तरीय सेना बनाना वक्त की मांग बताया। उन्होंने मशीनीकरण, सूचनाकरण और स्मार्ट प्रौद्योगिकियों के एप्लीकेशन का इस्तेमाल कर पीएलए के एकीकृत विकास को गति देने का संकल्प भी जताया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलए में कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशन, कंप्यूटर, इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टोही के लिए चीन सी4-आईएसआर पर फोकस करेगा। चीनी सेना का मकसद सिमिट्रिक, एसिमेट्रिक और साइबर स्पेस वारफेयर के लिए तैयार रहना है। इसके लिए चीनी सेना रॉकेट फोर्स पूरी तरह से रिमोट सेंसिंग, टारगेट आइडेंटिफिकेशन और डिसीजन सपोर्ट तैयार करना चाहती है।

निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन

2027 तक अपना लक्ष्य पाने के लिए पीएलए ने सभी सैन्य सेवाओं में बड़ी संख्या में रोबोटिक और मानवरहित सिस्टम और सटीक मार्गदर्शन वाली उन्नत मिसाइलें लगाई हैं। वह रसद उद्देश्यों के लिए मानव रहित वाहनों पर काम कर रही है, जबकि नौसेना मानव रहित सतह जहाजों और पनडुब्बियों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उधर, चीनी एयरफोर्स मानव रहित सिस्टम पर काम कर रही है। इसके लिए पीएलए रणनीतिक बल निजी क्षेत्र की कंपनियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें भारी सब्सिडी भी दे रहा है।

चीन को आधुनिक चिप से रोकने के लिए जापान-नीदरलैंड का अमेरिका से करार

जापान और नीदरलैंड ने आधुनिक कंप्यूटर चिप बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री हासिल करने से चीन को रोकने के लिए अमेरिका के साथ एक समझौता किया है। समझौते की जानकारी रखने वाले व्यक्ति ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि फिलहाल इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। व्हाइट हाउस ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। बाइडन प्रशासन ने आधुनिक चिप हासिल करने से चीन को रोकने के लिए अक्तूबर में निर्यात नियंत्रण लागू किया था। चीन ने इस पर आक्रामक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि व्यापार पाबंदियों से आपूर्ति श्रृंखला तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था की बहाली बाधित होगी।

रूसी समूह की मदद के बाद चीनी फर्म पर अमेरिकी पाबंदी

अमेरिका ने कहा है कि यूक्रेन में रूस के वैगनर समूह को उपग्रह इमेजनरी ऑर्डर भेजने के बाद अमेरिका ने एक चीनी कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी वित्त और विदेश मंत्रालय ने इन प्रतिबंधों की पुष्टि की है। वित्तर मंत्री जेनेट येलेन ने कहा, चूंकि हमारे अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की रूस पर पाबंदी और निर्यात नियंत्रण जारी हैं इसलिए क्रेमलिन हथियारों के तेजी विस्तार में चीनी मदद ले रहा है। वैगनर ग्रुप एक रूसी निजी सैन्य कंपनी है जिसकी मदद चीन की चांग्शा तियांयी स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट कंपनी लिमिटेड कर रही है। इस पर पाबंदी लगा दी गई है।

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