जहां हुआ 26/11 अटैक, वहीं UNSC की मीटिंग: भारत ने पाकिस्तानी आतंकी का ऑडियो प्ले किया

जहां हुआ 26/11 अटैक, वहीं UNSC की मीटिंग: भारत ने पाकिस्तानी आतंकी का ऑडियो प्ले किया

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मुंबई18 मिनट पहले

भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान का आतंकी समर्थक चेहरा बेनकाब किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक में भारत ने दुनिया के सामने मुंबई में हुए 26/11 हमले में पाकिस्तानी आतंकी साजिद मीर का ऑडियो प्ले किया, जिसमें वह फोन पर आतंकियों से कह रहा है- जहां भी मूवमेंट दिखे, जहां भी लोग हों वहां फायर ठोको। भारत ने मीटिंग में क्या-क्या कहा और इसमें क्या खास था, ये जानने से पहले पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय जरूर दीजिए…

चबाड़ हाउस में मौजूद आतंकियों को दे रहा था निर्देश
UNSC की बैठक मुंबई के ताज होटल में हो रही है, जहां 26/11 का हमला हुआ था। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की मौजूदगी में प्ले किए गए इस ऑडियो क्लिप में आतंकी साजिद मीर फोन पर चबाड़ हाउस में मौजूद आतंकियों को कह रहा है, ‘बंदा कोई छत पर चल रहा है, कोई आ रहा है, जा रहा है उस पर फायर ठोको। उसे नहीं पता है वहां क्या हो रहा है।” साजिद मीर को जवाब देते हुए फोन पर दूसरा आतंकी ऐसा ही करने का भरोसा देता है।’

पाकिस्तान ने मीर की मौत का ड्रामा किया
बैठक में भारत ने कहा, ‘आतंकी साजिद मीर ISI का पूर्व अफसर है। वह सिर्फ 26/11 हमले का आरोपी नहीं है, उसने कई और भी अतंरराष्ट्रीय आतंकी घटनाओं की साजिश रची हैं। ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के डेनमार्क प्रोजेक्ट का मास्टरमाइंड था। इसे कोपेनहेगन में एक अखबार के एडिटर को निशाना बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन इस प्लान का खुलासा हो गया।

दुनिया की आंखों में धूल झोकने के लिए साजिद मीर को मृत घोषित कर दिया गया। उसका DNA टेस्ट भी कर दिया गया, लेकिन बाद में पता चला कि वो जिंदा है। अंतरराष्ट्रीय दबाव में पाकिस्तान ने उसे अरेस्ट किया और सजा भी सुनाई गई। फिलहाल वो कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। साजिद मीर को संयुक्त राष्ट्र में आतंकी घोषित कराने की प्रक्रिया अभी भी अटकी है।’

जयशंकर बोले- 26/11 का हमला हम पर नहीं, दुनिया पर था
जयशंकर ने कहा, ’26/11 का हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर था। हमले के गुनहगारों को सजा दिलाने का काम जारी है, लेकिन अभी भी वो चुनौती पूरी नहीं हुई है। आतंकवाद ने दुनिया के कई क्षेत्रों को त्रस्त कर दिया है। भारत दूसरों की तुलना में इसको अधिक समझता है।

उन्होंने कहा- दशकों से सीमापार आतंकवाद से लड़ने की हमारी प्रतिबद्धता कमजोर नहीं हुई है और न ही होगी। आतंकवाद को रोकने के लिए इसकी फाइनेंसिंग रोकनी होगी। आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए, मानवता के लिए एक गंभीर खतरा है। हमने आज पीड़ितों की आवाज सुनी है। उनके नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती है।

पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों में से कसाब ही पकड़ा गया था। कसाब और अन्य आतंकियों को मछली पकड़ने, मैप समझने, GPS और कंपास के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी गई थी। हमले के दौरान आतंकियों के पास फर्जी पहचान पत्र था जिससे लगे कि वो हैदराबाद के स्टूडेंट्स हैं। ऐसा भारतीयों को कन्फ्यूज करने के लिए किया गया था।

पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों में से कसाब ही पकड़ा गया था। कसाब और अन्य आतंकियों को मछली पकड़ने, मैप समझने, GPS और कंपास के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी गई थी। हमले के दौरान आतंकियों के पास फर्जी पहचान पत्र था जिससे लगे कि वो हैदराबाद के स्टूडेंट्स हैं। ऐसा भारतीयों को कन्फ्यूज करने के लिए किया गया था।

2008 में हुआ था 26/11 हमला
26 नवंबर 2008 की रात को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकियों ने मुंबई की चार जगहों पर हमले किए थे। इस हमले को भारत को 4 दिन में कंट्रोल कर पाए थे। इस हमले में 160 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसमें 26 विदेशी थे। मुंबई पुलिस ने अजमल कसाब नाम के आतंकी को अरेस्ट किया था। बाकी 9 आतंकियों को मार गिराया था। आतंकियों ने मुंबई के दो 5 स्टार होटलों, रेलवे स्टेशनों और यहूदियों के एक धार्मिक स्थल (चबाड़ हाउस) नरीमन हाउस को निशाना बनाया था।

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