‘जोखिम वाले’ देशों से आए 6 यात्री कोरोना पॉजिटिव, ओमिक्रॉन का पता लगाने को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजे गए सैंपल

ओमिक्रॉन को लेकर जोखिम वाले देशों से अलग-अलग 11 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के 3476 यात्रियों की आज स्क्रीनिंग की गई। इनमें से छह यात्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। पॉजिटिव यात्रियों के सैंपल जीनोमिक सीक्वेंसिंग के लिए भेजे गए हैं। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि ये ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं या नहीं।

भारत सरकार कोरोना के नए वैरिएंट की स्थिति पर लगातार नज़र बनाए हुए है।

नये स्वरूप ओमीक्रोन ने विश्व की परेशानी और बढ़ाई
कोविड-19 के ओमीक्रोन स्वरूप ने बुधवार को विश्व की परेशानी और बढ़ा दी क्योंकि जापान ने यात्रा प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया। वहीं, वायरस के नये स्वरूप से संक्रमण के मामले कुछ और स्थानों पर सामने आए हैं और नये साक्ष्य से यह स्पष्ट हो गया है कि यह स्वरूप सोचे गये समय से हफ्तों पहले से व्याप्त था।

ओमीक्रोन के बारे में ज्यादा जानकारी अभी नहीं है, जैसे कि यह कितना संक्रामक है, क्या यह टीकों को चकमा दे सकता है आदि। हालांकि,यूरोपीय आयोग प्रमुख ने स्वीकार किया है कि विश्व को इस बारे में वैज्ञानिकों का और जवाब देना लंबा खींच सकता है।  इस बीच, यूरोप के कई देश अब भी कोविड के पुराने स्वरूप डेल्टा से जूझ रहे हैं। वहां संक्रमण के मामले तीव्र गति से बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर भी बढ़ी है। 

वहीं, जापान ने अपना आक्रामक रुख बरकरार रखा है। उसने सभी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन को देश में आने वाली उड़ानों के लिए टिकटों की बुकिंग दिसंबर अंत के बंद करने को कहा है। जापान ने पेरू से कतर होते हुए आये एक व्यक्ति में इस स्वरूप की पुष्टि की है जो देश में ओमीक्रोन का दूसरा मामला है। 

कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से यात्रियों की एंट्री रोकी
हालांकि, विश्व के कई देशों ने दक्षिण अफ्रीका से यात्रियों के आगमन को निषिद्ध कर दिया है। अमेरिका अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जांच की जरूरतों को कठोर करने का कदम उठा रहा है।  दक्षिण अफ्रीकी अनुसंधान में विश्व स्वास्थ्य संगठन को पिछले हफ्ते ओमीक्रोन के बारे में सतर्क किया गया था लेकिन यह ज्ञात नहीं है कि कहां या कब यह नया स्वरूप पहली बार प्रकट हुआ। हालांकि, यह स्पष्ट है कि यह दक्षिण अफ्रीका से पहले से यूरोप में मौजूद था। लेकिन नाइजीरिया ने बुधवार को बताया कि उसके जन स्वास्थ्य संस्थान ने कहा है कि उसने अक्टूबर में एकत्र किये गये एक नमूने में यह स्वरूप पाया था । साथ ही यह इस म्यूटेशन का पहला ज्ञात मामला है। 

यूरोपीय आयोग अध्यक्ष उर्सूला वोन डेर लेयेन ने कहा, ”मैंने अपने वैज्ञानिकों की सुनी, वे सब कह रहे हैं हम अभी पर्याप्त रूप से नहीं जानते हैं। इसलिए वे दो तीन हफ्तों का वक्त लेंगे। सामान्य समय में यह संक्षिप्त अवधि होती है लेकिन महामारी के समय में यह अनंतकाल होता है। ‘

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