अपनी बड़ी बहन सहित पांच महिलाओं को क्रेन से नीचे उतरने का हौंसला देने वाली मधु खुद को नहीं बचा सकी। जिंदगी से जूझती महिला कर्मी ने एक बार क्रेन से नीचे उतरने की कोशिश भी की, लेकिन चंद सेकेंड की देरी में क्रेन आगे निकल गई और मधु आग की लपटों के बीच फंस गई। 24 घंटे से भी अधिक वक्त से अपनी पत्नी की तलाश में अमित के पांव तो थक गए, लेकिन आंखों को मधु को देखने का बेसब्री से इंतजार है। घर में दो बेटियां और सास की आंखों के आंसू थम नहीं रहे हैं। आग के तांडव के बीच जिंदगी की उम्मीद भी कम हो गई है। पेशे से ड्राइवर अमित ने बताया कि उसकी पत्नी पिछले कुछ दिनों से शादी की 11वीं सालगिरह की तैयारी कर रही थी। शुक्रवार सुबह अपनी ड्यूटी के लिए जाते हुए बेहद खुश थी। सास आशा देवी ने बताया कि मेरी बहू अपनी सालगिरह की तैयारियां कर रही थी। सभी के कपड़े खरीदे और बताया था कि मैं 20 मई को सरारा पहनूंगी।
बकौल अमित शुक्रवार दोपहर बाद रोजाना की तरह करीब दो बजे लंच के वक्त बात हुई थी। उसने बच्चों के स्कूल से घर पहुंचने के बारे में पूछा और यह भी कहा कि आपने अब तक खाना क्यों नहीं खाया। अमित ने बताया कि अपनी ड्यूटी के सिलसिले में ओखला गया था, लेकिन माल अनलोड करने के दौरान ही कई फोन आए और आग लगने की सूचना मिली।
तत्काल वहां से लौटने लगे, लेकिन जब तक मुंडका पहुंचे, आग की चपेट में आकर इमारत खंडहर बन चुका था। हर तरफ आग और धुएं के बीच एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नजर आ रही थी। सड़क पर वाहनों का भारी जाम होने की वजह से घटनास्थल तक पहुंचने में देरी हुई।
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