पंजाब की सियासत: सिद्धू ने दिल्ली में डेरा जमाया, कैप्टन ने समर्थक नेताओं को चंडीगढ़ आवास पर करवाया लंच

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Thu, 01 Jul 2021 10:18 AM IST

सार

पंजाब कांग्रेस की कलह को खत्म करने के लिए अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाला है। बुधवार को वह पहले राहुल गांधी फिर सिद्धू और उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलीं। अब पार्टी को उम्मीद है कि जल्द ही मामला सुलझ जाएगा। पंजाब की राजनीति को जानने और समझने वाले कांग्रेसियों का कहना है कि पार्टी हित में कैप्टन को अपनी अकड़ और सिद्धू को अपनी जिद छोड़नी पड़ेगी तभी इस मामले का हल संभव है। 

कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ बैठे पंजाब कांग्रेस के नेता।
– फोटो : अमर उजाला

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पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच नवजोत सिद्धू दो दिन से दिल्ली में डेरा डाले हैं। वहीं सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने गुरुवार दोपहर अपने समर्थक नेताओं को चंडीगढ़ स्थित सीएम आवास पर लंच पर बुलाया। इसे एक तरह से कैप्टन के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। कैप्टन से मिलने वालों में शहरी क्षेत्रों के विधायक शामिल हैं।

पंजाब कांग्रेस के सभी विवाद जुलाई के पहले हफ्ते में समाप्त कर दिए जाने के पार्टी हाईकमान के एलान के बाद प्रदेश कांग्रेस में अंदरखाते खलबली मची हुई है। खासतौर पर कैप्टन खेमा पिछले हफ्ते से काफी चिंता में दिखाई दे रहा है, जब से कैप्टन तीन सदस्यीय कमेटी से नई दिल्ली में बातचीत करके लौटे हैं। कमेटी ने उन्हें जो भी फैसला सुनाया है, उससे खफा होकर कैप्टन सोनिया और राहुल से मिले बिना ही पंजाब लौट आए हैं।

कैप्टन के करीबी सलाहकारों ने जो संकेत दिए गए हैं, उससे साफ हो गया है कि हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को किसी भी कीमत पर पार्टी से अलग करने को तैयार नहीं है। सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए प्रदेश कांग्रेस व सरकार में उन्हें सम्मानजनक स्थान देने की तैयारी हो चुकी है। वहीं सिद्धू भी इन दिनों बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने तीखे ट्वीटों का मुंह कैप्टन की तरफ से मोड़कर प्रदेश सरकार के अफसरों की तरफ कर दिया है। इस तरह पहला हमला उन्होंने प्रदेश के डीजीपी पर किया है। 

वहीं अपनी अंदरूनी लड़ाई में व्यस्त पंजाब कांग्रेस यह भूल गई कि उसे 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी भी करनी है। पार्टी की इसी अंदरूनी व्यस्तता का फायदा उठाते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल मंगलवार को पंजाब में अपनी पार्टी का चुनावी बिगुल फूंक गए।

चिंताजनक बात यह रही कि मुफ्त बिजली के जिस चुनावी एजेंडे को कांग्रेस अगली बार इस्तेमाल करने जा रही थी उससे पहले ही केजरीवाल ने यह एजेंडा हथिया लिया। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले सप्ताह दिल्ली से लौटने के बाद प्रेस कांफ्रेंस करके 200 यूनिट मुफ्त बिजली का चुनावी वादा करने वाले थे, लेकिन दिल्ली में हाईकमान के साथ उनकी वार्ता बहुत अधिक सुखद नहीं रही और मायूस होकर लौटे कैप्टन ने चुप्पी साध ली। इस बीच केजरीवाल ने कांग्रेस से और एक कदम आगे बढ़ते हुए पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का एलान कर दिया।  

विस्तार

पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच नवजोत सिद्धू दो दिन से दिल्ली में डेरा डाले हैं। वहीं सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने गुरुवार दोपहर अपने समर्थक नेताओं को चंडीगढ़ स्थित सीएम आवास पर लंच पर बुलाया। इसे एक तरह से कैप्टन के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। कैप्टन से मिलने वालों में शहरी क्षेत्रों के विधायक शामिल हैं।

पंजाब कांग्रेस के सभी विवाद जुलाई के पहले हफ्ते में समाप्त कर दिए जाने के पार्टी हाईकमान के एलान के बाद प्रदेश कांग्रेस में अंदरखाते खलबली मची हुई है। खासतौर पर कैप्टन खेमा पिछले हफ्ते से काफी चिंता में दिखाई दे रहा है, जब से कैप्टन तीन सदस्यीय कमेटी से नई दिल्ली में बातचीत करके लौटे हैं। कमेटी ने उन्हें जो भी फैसला सुनाया है, उससे खफा होकर कैप्टन सोनिया और राहुल से मिले बिना ही पंजाब लौट आए हैं।

कैप्टन के करीबी सलाहकारों ने जो संकेत दिए गए हैं, उससे साफ हो गया है कि हाईकमान नवजोत सिंह सिद्धू को किसी भी कीमत पर पार्टी से अलग करने को तैयार नहीं है। सिद्धू की नाराजगी दूर करने के लिए प्रदेश कांग्रेस व सरकार में उन्हें सम्मानजनक स्थान देने की तैयारी हो चुकी है। वहीं सिद्धू भी इन दिनों बदले-बदले नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने तीखे ट्वीटों का मुंह कैप्टन की तरफ से मोड़कर प्रदेश सरकार के अफसरों की तरफ कर दिया है। इस तरह पहला हमला उन्होंने प्रदेश के डीजीपी पर किया है। 

वहीं अपनी अंदरूनी लड़ाई में व्यस्त पंजाब कांग्रेस यह भूल गई कि उसे 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी भी करनी है। पार्टी की इसी अंदरूनी व्यस्तता का फायदा उठाते हुए आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कन्वीनर अरविंद केजरीवाल मंगलवार को पंजाब में अपनी पार्टी का चुनावी बिगुल फूंक गए।

चिंताजनक बात यह रही कि मुफ्त बिजली के जिस चुनावी एजेंडे को कांग्रेस अगली बार इस्तेमाल करने जा रही थी उससे पहले ही केजरीवाल ने यह एजेंडा हथिया लिया। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पिछले सप्ताह दिल्ली से लौटने के बाद प्रेस कांफ्रेंस करके 200 यूनिट मुफ्त बिजली का चुनावी वादा करने वाले थे, लेकिन दिल्ली में हाईकमान के साथ उनकी वार्ता बहुत अधिक सुखद नहीं रही और मायूस होकर लौटे कैप्टन ने चुप्पी साध ली। इस बीच केजरीवाल ने कांग्रेस से और एक कदम आगे बढ़ते हुए पंजाब में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का एलान कर दिया।  

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