रूपनगरएक घंटा पहले
पंजाब के रोपड़ जिले में रविवार को ट्रेन से कटकर तीन बच्चों की मौत हो गई जबकि उनका चौथा साथी बाल-बाल बच गया। यह बच्चे रेलट्रैक के किनारे खड़ी बेर की झाड़ियों से बेर खाने के लिए गए थे और ट्रेन की चपेट में आ गए। मारे गए तीनों बच्चों की उम्र 7 से 11 साल के बीच है। हादसा रोपड़ के कीरतपुर साहिब इलाके में सतलुज दरिया पर बने लोहखंड पुल के पास हुआ।
रविवार को स्कूल की छुट्टी होने के कारण 11 साल का रोहित अपने तीन दोस्तों 7 साल के महेंद्र, 10 साल के पवन और विक्की के साथ बेर खाने के लिए रेल पटरियों के किनारे चले गए। यहां रेल ट्रैक के किनारे बेर की झाड़ियां उगी हैं। इनमें से रोहित चौथी और पवन व महेंद्र पहली कक्षा के छात्र हैं जबकि विक्की स्कूल नहीं जाता था। चारों बच्चे 11.20 बजे लोहखंड पुल के पास बेर तोड़ रहे थे कि उसी समय सहारनपुर-ऊना के बीच चलने वाली ट्रेन (04501) आ गई।
ट्रेन से बचने के लिए बच्चे पुल की ओर भागे। ट्रेन के ड्राइवर ने भी ब्रेक लगाए मगर ट्रेन ने बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया।
पंजाब में रोपड़ जिले में हुए हादसे के बाद बच्चों के शव के पास बिलखते परिजन।
ट्रेन की टक्कर से रोहित और महेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विक्की का हाथ कट गया। पवन ट्रेन की टक्कर से पटरियों के साइड में गिरकर पुल से लटक गया। एक्सीडेंट के बाद ट्रेन रुकी तो ड्राइवर संजीव कुमार और गार्ड समंदर कुमार नीचे उतरकर बच्चों के पास पहुंचे। विक्की के शरीर में हरकत देखकर ट्रेन के गार्ड समंदर सिंह ने उसे उठा लिया और ट्रेन में ही कीरतपुर साहिब रेलवे स्टेशन पहुंचाया।
कीरतपुर पहुंचने से पहले ही ट्रेन ड्राइवर ने स्टेशनमास्टर को सूचना दे दी ताकि वह पहले से एंबुलेंस बुलवाकर तैयार रखे। कीरतपुर साहिब स्टेशन पहुंचते ही घायल विक्की को एंबुलेंस के जरिये आनंदपुर साहिब सिविल अस्पताल भेजा गया लेकिन उसकी रास्ते में ही मौत हो गई।
परिवारों ने लोगों की मदद से संभाले शव
उधर, हादसे में बाल-बाल बचा पवन किसी तरह परिवार के पास पहुंचा और एक्सीडेंट की सूचना दी। हादसे की जानकारी मिलते ही बच्चों के परिजन घटनास्थल की ओर दौड़े। जब वह घटनास्थल पर पहुंचे तो वहां बच्चों के शरीर और खून पटरियों के पास बिखरा पड़ा था। परिजनों ने मौके पर पहुंचे लोगों की मदद से बच्चों की बॉडी संभाली।
पुल जहां हादसा हुआ। दूसरी तरफ से ट्रेन आ जाने पर बच्चों ने बचने के लिए पुल की ओर दौड़ लगाई मगर ट्रेन ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।
परिवार करते हैं मजदूरी
हादसे में जान गंवाने वाले 11 साल के रोहित के पिता का नाम अर्जुन महातो है वहीं 7 साल के महेंद्र के पिता रामदुलार का पहले ही निधन हो चुका है। इन सभी बच्चों के परिवार दिहाड़ी-मजदूरी करके अपना गुजर-बसर करते हैं। यह लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं।
रेलवे पुलिस ने बॉडी कब्जे में ली
जानकारी मिलते ही रेलवे पुलिस के एएसआई जगजीत सिंह भी अपनी टीम के घटनास्थल पर पहुंच गए। रेलवे पुलिस ने तीनों बच्चों की बॉडी पोस्टमार्टम के लिए अपने कब्जे में लेकर अस्पताल भिजवा दी। ASI जगजीत सिंह ने बताया कि आईपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई कर पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए जाएंगे।
हादसे के बाद घटनास्थल पर जमा लोग।
घायल को ट्रेन में ही लाए ड्राइवर-गार्ड
कीरतपुर साहिब रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर रोदास सिंह के मुताबिक, हादसे के बाद ट्रेन ड्राइवर संजीव कुमार और गार्ड समंदर कुमार ने उन्हें सूचना दी। इसके बाद डॉयल 108 एंबुलेंस कीरतपुर साहिब स्टेशन पर बुलवाई गई। ड्राइवर और गार्ड गंभीर रूप में घायल विक्की को रेलगाड़ी के जरिये ही लोहंड पुल से कीरतपुर साहिब स्टेशन तक लाए। यहां से बच्चे को एंबुलेंस में आनंदपुर साहिब अस्पताल भेजा गया। हालांकि उसे बचाया नहीं जा सका।
More News
Mumbai News: आतंकी संगठन हमास के फेवर में स्कूल प्रिंसिपल का जिहाद, मैनेजमेंट ने लिया एक्शन तो देने लगी दुहाई
Rajat Sharma’s Blog | क्या है पीएम मोदी के खिलाफ ‘वोट जिहाद’ ? – India TV Hindi
घोटाले के आरोपी ने दिया केजरीवाल के 7 स्टार होटल में रुकने का पैसा, ईडी का SC में दावा; कहा- सबूत है