पंजाब में बिजली संकट पर सियासत: आम आदमी पार्टी ने घेरा सीएम का फार्महाउस, बैरिकेड तोड़े, पुलिस ने की पानी की बौछार

सार

पंजाब में गर्मी और धान सीजन में बिजली संकट गहराता जा रहा है। आमजन और किसान इससे काफी परेशान हैं। शुक्रवार दोपहर को रोपड़ थर्मल प्लांट का एक यूनिट तकनीकी खराबी के चलते बंद पड़ने से यह संकट और गहरा गया। तमाम पाबंदियों के बावजूद प्रदेश में बिजली की मांग 13500 मेगावाट रही, जिसे पावरकॉम के पूरा न कर पाने कारण कई जगहों पर लोगों को कटों का सामना करना पड़ा। वहीं किसानों को भी दिन में मुश्किल से दो से तीन घंटे ही बिजली मिली। 

सिसवां में प्रदर्शन करते आप कार्यकर्ताओं को रोकते पुलिसकर्मी।
– फोटो : अमर उजाला

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भीषण गर्मी में पंजाब में बिजली संकट गहराया हुआ है। अब इस पर सियासत भी गरमा गई है। शुक्रवार को शिअद-बसपा गठबंधन ने प्रदेश में प्रदर्शन किया था। वहीं शनिवार को आम आदमी पार्टी ने सिसवां में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के फार्महाउस का घेराव किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की हुई थी। कार्यकर्ताओं ने पहला बैरिकेड तोड़ दिया। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की। इस दौरान आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रदेशाध्यक्ष और सांसद भगवंत मान तबीयत खराब होने के कारण लौट गए। वहीं प्रदर्शन के मद्देनजर सीएम हाउस की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोग धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं और केवल एक व्यक्ति अपने घर में बैठा आनंद ले रहा है। हम सीएम के फार्म हाउस का मीटर चेक करने आए हैं ताकि पता लग सके कि यहां कितने घंटे बिजली का कट लग रहा है। मान ने आरोप लगाया कि अकाली दल और भाजपा की सरकार में लागू पंजाब विरोधी बिजली समझौते और माफिया राज कैप्टन के शासन में भी चल रहे हैं। बिजली मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री को मौजूदा बिजली संकट की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बिजली संकट पर सुखबीर बादल के प्रदर्शन को भगवंत मान ने नाटक बताया और कहा कि अकाली दल और भाजपा की सरकार ने निजी बिजली कंपनियों के साथ गलत समझौते किए थे। उन्होंने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से सवाल किया कि वह बताएं अकाली सरकार के समय कितने सोलर पावर प्लांट और किस-किस के नाम पर लगाए थे। 

पंजाब भाजपा ने बिजली के अघोषित कटों से उद्योगों को हो रहे नुकसान और आम जनता की बढ़ती मुश्किलों के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया है। भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि राज्य की जनता फ्री बिजली नहीं बल्कि 24 घंटे बिजली मांग रही है। 

राज्य का पावर डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम 13000 मेगावाट से ज्यादा का बोझ नहीं संभाल सकता। कैप्टन ने इसे बढ़ाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। कैप्टन की नाकामी का सुबूत इस बात से भी साफ हो जाता है कि पंजाब के सभी सरकारी विभागों के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिजली के बिल भरने के बाद भी जब लोगों को बिजली नहीं मिल रही तो लोगों का गुस्सा जायज है। सभी जिलों में बिजली के 10 से 12 घंटे के कट लग रहे हैं। 

सिद्धू पहले अपने घर का बिल तो भर लें: शर्मा
नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पंजाब की जनता के हक में कैप्टन के खिलाफ बिजली के मुद्दे पर बोलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शर्मा ने कहा कि सिद्धू पहले अपने घर का बिजली का बिल तो भर लें, बाकी की चिंता बाद में करें। शर्मा ने कहा कि क्या सिद्धू को साढ़े चार साल की कैप्टन सरकार की बिजली से संबंधित कारगुजारी दिखाई नहीं दी, जो अब शोर मचाने लगे हैं? सिद्धू मौकापरस्त हैं और अपनी सियासी कुर्सी बचाने के लिए हर वक्त कोई न कोई मौका ढूंढते रहते हैं। शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार में बिजली सरप्लस हो गई थी। उसे हम दूसरे राज्यों को बेचने लगे थे लेकिन आज पंजाब बिजली की दिक्कतों से जूझ रहा है।

पंजाब में एक बार फिर पावर कट का जमाना आ गया: सुखबीर बादल
पिछले कई दिनों से लगातार बिजली के लंबे कट लग रहे हैं। इससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कटों के खिलाफ शुक्रवार को शिअद के प्रांतीय महासचिव और पूर्व वन मंत्री हंस राज जोसन के नेतृत्व में शिअद और बसपा कार्यकर्ताओं ने बिजली बोर्ड के दफ्तर के आगे धरना दिया। पंजाब सरकार व पावरकॉम के खिलाफ नारेबाजी की गई। फिरोजपुर के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पंजाब सरकार पहले जहां हर मुद्दे पर नाकाम साबित हुई है, वहीं अब गर्मी के दिनों में लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही। उन्होंने कहा कि अगर बिजली सप्लाई ठीक न की गई तो अकाली दल बड़ा संघर्ष शुरू करेगा। 

विस्तार

भीषण गर्मी में पंजाब में बिजली संकट गहराया हुआ है। अब इस पर सियासत भी गरमा गई है। शुक्रवार को शिअद-बसपा गठबंधन ने प्रदेश में प्रदर्शन किया था। वहीं शनिवार को आम आदमी पार्टी ने सिसवां में सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के फार्महाउस का घेराव किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग की हुई थी। कार्यकर्ताओं ने पहला बैरिकेड तोड़ दिया। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार की। इस दौरान आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रदेशाध्यक्ष और सांसद भगवंत मान तबीयत खराब होने के कारण लौट गए। वहीं प्रदर्शन के मद्देनजर सीएम हाउस की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के लोग धरने-प्रदर्शन कर रहे हैं और केवल एक व्यक्ति अपने घर में बैठा आनंद ले रहा है। हम सीएम के फार्म हाउस का मीटर चेक करने आए हैं ताकि पता लग सके कि यहां कितने घंटे बिजली का कट लग रहा है। मान ने आरोप लगाया कि अकाली दल और भाजपा की सरकार में लागू पंजाब विरोधी बिजली समझौते और माफिया राज कैप्टन के शासन में भी चल रहे हैं। बिजली मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री को मौजूदा बिजली संकट की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए। बिजली संकट पर सुखबीर बादल के प्रदर्शन को भगवंत मान ने नाटक बताया और कहा कि अकाली दल और भाजपा की सरकार ने निजी बिजली कंपनियों के साथ गलत समझौते किए थे। उन्होंने पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से सवाल किया कि वह बताएं अकाली सरकार के समय कितने सोलर पावर प्लांट और किस-किस के नाम पर लगाए थे। 


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