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एक मिनट पहले
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पिटीशनर्स का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड या मौजूदा जज की अध्यक्षता में पेगासस मामले की जांच हो। (फाइल फोटो)
पेगासस जासूसी मामले की स्वतंत्र जांच की अर्जी पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। कोर्ट ने कहा है कि अगले हफ्ते इसकी सुनवाई की जाएगी। इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार एन राम और शशि कुमार ने पिटीशन फाइल की है।
पिटीशनर्स की तरफ से वकील कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस एनवी रमना की बेंच में पिटीशन मेंशन करते हुए कहा कि इस केस की जल्द सुनवाई की जाए, क्योंकि यह विवाद काफी फैला हुआ है। सिब्बल ने कहा कि देश के नागरिकों, विपक्ष के नेताओं और पत्रकारों की निगरानी करना उनकी आजादी का हनन है। भारत समेत दुनियाभर में इस मुद्दे की चर्चा है।
सरकार बताए- क्या पेगासस का इस्तेमाल किया?
पिटीशनर्स ने अपील की है कि पेगासस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर या मौजूदा जज की अध्यक्षता में गठित SIT से करवाई जाए। केंद्र को ये बताने के लिए कहा जाए कि क्या सरकार या फिर उसकी किसी एजेंसी ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जासूसी के लिए पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है? क्या पेगासस स्पाइवेयर का लाइसेंस लिया गया?
पिटीशनर्स ने ये भी कहा है कि मिलिट्री ग्रेड के स्पाइवेयर से जासूसी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। पत्रकारों, डॉक्टर्स, वकील, एक्टिविस्ट, मंत्रियों और विपक्षी दलों के नेताओं के फोन हैक करना बोलने की आजादी के अधिकार से समझौता करना है। अर्जी में दावा किया गया है कि दुनिया के कई पब्लिकेशंस यह खुलासा कर चुके हैं कि 142 से ज्यादा भारतीय पेगासस के टारगेट पर थे।
पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट में तीसरी अर्जी
पेगासस जासूसी विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में ये तीसरी अर्जी लगाई गई है। इससे पहले वकील एमएल शर्मा और राज्यसभा सांसद जॉन ब्रिटास भी पिटीशन फाइल कर चुके हैं। दोनों ने ही कोर्ट की निगरानी में SIT से जांच करवाने की अपील की थी।
इजरायल में पेगासस के दफ्तर पर छापा
पेगासस जासूसी विवाद के बीच इजरायली रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने जाजूसी सॉफ्टवेयर पेगासस बनाने वाली कंपनी NSO के तेल अवीव स्थित दफ्तर पर बुधवार को छापा मारा। हालांकि बाद में कंपनी ने इसे निरीक्षण बताया। वहीं इजरायली रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज ने भी फ्रांस दौर पर वहां की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले से पेगासस पर चर्चा की है। इस मीटिंग में गेंट्स ने कहा कि पेगासस से जासूसी के आरोपों को गंभीरता से ले रहे हैं। आरोप है कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की जासूसी के लिए भी हुआ था।
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