बड़ा फैसला: हरियाणा के इस जिले में दिव्यांगों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा, अब नहीं देनी पड़ी कोई फीस

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: ajay kumar
Updated Wed, 14 Jul 2021 12:54 AM IST

सार

हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव ने मंगलवार को बड़ा एलान किया है। अब हरियाणा के दिव्यांग राज्य पुर्नवास, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान रोहतक में नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। सरकार ने पंजीकरण, मासिक शुल्क व हॉस्टल फीस माफ कर दी है। 

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हरियाणा के दिव्यांगजन अब राज्य पुनर्वास, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (सिरतार) रोहतक में निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। संस्थान में लंबे समय से विद्यार्थियों से वसूल किया जा रहा पंजीकरण शुल्क, मासिक शुल्क व हॉस्टल फीस अब नहीं लिया जाएगा। सरकार ने इसे पूरी तरह से माफ कर दिया है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां आयोजित ‘सिरतार’ की गवर्निंग बॉडी की 5वीं बैठक में यह निर्णय लिया। यादव ने बताया कि अभी संस्थान में पढ़ रहे दिव्यांगजनों से यह शुल्क लिए जा रहे थे। इस कारण उन्हें दिक्कत महसूस होती थी। सिरतार के निदेशक व प्राचार्य की आकस्मिक खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। अब निदेशक 40 हजार व प्राचार्य 10 हजार रुपये तक मासिक खर्च कर सकेंगे।

‘सिरतार’ में 5-6 वर्ष आयु वर्ग से ही बच्चों की दिव्यांगता की जांच एवं परीक्षण के लिए ‘शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र’ खोला जाएगा ताकि ऐसे बच्चों को शुरुआती दौर से ही उपचार एवं शिक्षा प्रदान की जा सके। दिव्यांग बच्चों की सभी ज्ञानेंद्रियों का अधिक से अधिक उपयोग हो सके, इसके लिए संस्थान परिसर में ‘संवेदी एकीकरण इकाई’ (एसआईयू) भी स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। संस्थान में डिजिटल सिग्नेज डिस्प्ले व सोलर पैनल लगाने की भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

राज्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बैठक में लिए गए सभी निर्णयों को शीघ्र अमल में लाएं ताकि दिव्यांगजनों को इनका जल्द लाभ मिल सके। संस्थान में जेबीटी, बीएड, पीजीडीआरपी सहित अन्य पाठ्यक्रमों की विशेष शिक्षा दी जाती है। इसमें करीब 150 दिव्यांग विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था है।

विस्तार

हरियाणा के दिव्यांगजन अब राज्य पुनर्वास, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान (सिरतार) रोहतक में निशुल्क शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे। संस्थान में लंबे समय से विद्यार्थियों से वसूल किया जा रहा पंजीकरण शुल्क, मासिक शुल्क व हॉस्टल फीस अब नहीं लिया जाएगा। सरकार ने इसे पूरी तरह से माफ कर दिया है।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री ओमप्रकाश यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को यहां आयोजित ‘सिरतार’ की गवर्निंग बॉडी की 5वीं बैठक में यह निर्णय लिया। यादव ने बताया कि अभी संस्थान में पढ़ रहे दिव्यांगजनों से यह शुल्क लिए जा रहे थे। इस कारण उन्हें दिक्कत महसूस होती थी। सिरतार के निदेशक व प्राचार्य की आकस्मिक खर्च की सीमा बढ़ाई गई है। अब निदेशक 40 हजार व प्राचार्य 10 हजार रुपये तक मासिक खर्च कर सकेंगे।

‘सिरतार’ में 5-6 वर्ष आयु वर्ग से ही बच्चों की दिव्यांगता की जांच एवं परीक्षण के लिए ‘शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र’ खोला जाएगा ताकि ऐसे बच्चों को शुरुआती दौर से ही उपचार एवं शिक्षा प्रदान की जा सके। दिव्यांग बच्चों की सभी ज्ञानेंद्रियों का अधिक से अधिक उपयोग हो सके, इसके लिए संस्थान परिसर में ‘संवेदी एकीकरण इकाई’ (एसआईयू) भी स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। संस्थान में डिजिटल सिग्नेज डिस्प्ले व सोलर पैनल लगाने की भी सैद्धांतिक मंजूरी दी है।

राज्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बैठक में लिए गए सभी निर्णयों को शीघ्र अमल में लाएं ताकि दिव्यांगजनों को इनका जल्द लाभ मिल सके। संस्थान में जेबीटी, बीएड, पीजीडीआरपी सहित अन्य पाठ्यक्रमों की विशेष शिक्षा दी जाती है। इसमें करीब 150 दिव्यांग विद्यार्थियों के शिक्षा ग्रहण करने की व्यवस्था है।

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