- Hindi News
- National
- Dda Cant Be Evicted With Bulldozer At Doorstep Without Notice Delhi High Court
नई दिल्लीएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
देशभर में अवैध निर्माणओं पर बुजडोजर की कार्रवाई बढ़ रही है। हाल ही में दिल्ली के शकरपुर क्षेत्र की झुग्गियों पर बिना नोटिस के बुजडोजर चला था। इस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार या प्रशासन बिना नोटिस दिए किसी के घर पर बुजडोजर नहीं चला सकता। आप ऐसे सुबह-सुबह या देर शाम किसी के दरवाजे पर बुलडोजर खड़ा करके उन्हें पूरी तरह से आश्रय-रहित नहीं कर सकते।
तोड़-फोड़ से पहले अस्थाई ठिकाने की व्यवस्था करें
जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद, दिल्ली के शकरपुर क्षेत्र में कई झुग्गी झोपड़ियों को गिराए जाने से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। इन झुग्गियों पर दिल्ली विकास प्राधिकरण ने कार्रवाई की थी। कोर्ट ने कहा कि डीडीए को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड से सलाह-मशवरा करते हुए काम करना चाहिए। साथ ही तोड़-फोड़ की कार्रवाई को शुरू करने से पहले वहां रहने वाले लोगों के लिए अस्थायी ठिकाने की व्यवस्था की जाना चाहिए।
आधी रात किसी को बेघर करना सही नहीं
चाहे किसी ने अतिक्रमण ही क्यों न किया हो, आधी रात को उसे बेघर करने की कार्रवाई कतई स्वीकार नहीं की जा सकती है। इस दौरान कोर्ट ने अपने एक पुराने फैसले का जिक्र किया। अदालत ने कहा कि झुग्गी निवासियों का पाया जाना असामान्य नहीं है। अपने दरवाजे पर बुलडोजर खड़ा देखकर जिस बदहवासी में वे अपने पास जो कुछ भी कीमती चीज या दस्तावेज हैं, उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं, वह इस बात की गवाही देता है कि उस स्थान पर झुग्गी निवासी रहते थे।
कोर्ट ने कहा कि डीयूएसआईबी आमतौर पर शैक्षणिक वर्ष के अंत और मानसून में तोड़-फोड़ अभियान नहीं चलाता है। डीडीए भी समान मानदंडों का पालन करेगा।
याचिकाकर्ता का दावा, बिना नोटिस हुई कार्रवाई
लाइव लॉ के मुताबिक, 25 जून 2022 को याचिकाकर्ता ने दावा किया कि डीडीए के अधिकारी बिना किसी नोटिस के इलाके में पहुंचे। इसके बाद करीब 300 झुग्गियों को तोड़ दिया गया। डीडीए की यह कार्रवाई तीन दिनों तक जारी रही। बिना नोटिस की इस कार्रवाई की वजह से झुग्गियों में रहने वाले लोग अपना जरूरी सामान भी नहीं निकाल सके।
याचिकाकर्ता का कहना है कि ये लोग बिहार, यूपी और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में रहने वाले थे, जो कूड़ा उठाकर, मजदूरी कर, रिश्का चलाकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। डीडीए को निवासियों के पुनर्वास के लिए दिल्ली स्लम एंड जेजे रिहेबिलिटेशन एंड रीलोकेशन पॉलिसी-2015 का पालना करना चाहिए था।
More News
USA: रटगर्स विश्वविद्यालय में फलस्तीन समर्थित प्रदर्शन में दिखे कश्मीरी झंडे, नाराज हुए भारतीय अमेरिकी
Jammu Kashmir: महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘हमारी पहचान, हमारा विशेष दर्जा छीना गया, यह हमें मजूंर नहीं’
प्रियंका चोपड़ा के पति ने इस बीमारी के चलते पोस्टपोन किए कॉन्सर्ट, निक ने बताई सच्चाई – India TV Hindi