अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई
– फोटो : एएनआई
विस्तार
फलस्तीन के समर्थन में इन दिनों अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे ही प्रदर्शन के दौरान न्यू जर्सी स्थित रटगर्स विश्वविद्यालय में प्रदर्शनकारी छात्रों ने फलस्तीन और कुर्द झंडों के साथ ही कश्मीर के अलगाववादी झंडे भी लहराए। इस पर भारतीय अमेरिकी संगठनों ने नाराजगी जाहिर की है। भारतीय अमेरिकी समूहों ने रटगर्स विश्वविद्यालय के चांसलर द्वारा कश्मीरी झंडे लहराने की अनुमति देने की आलोचना की और कहा कि इससे गलत संदेश जाएगा।
रटगर्स यूनिवर्सिटी प्रशासन के फैसले से नाराजगी
शुक्रवार को रटगर्स विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे समूह ने बताया कि रटगर्स यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनकी 10 में से आठ मांगें मान ली हैं। इसमें से एक मांग ये भी है कि दुनियाभर में जिन लोगों पर कब्जा है, उनके झंडे लहराए जाएं, जिनमें फलस्तीन, कुर्द के साथ ही कश्मीर का झंडा भी शामिल है। हालांकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने ऐसी कोई मांग नहीं मानी है।
भारतीय अमेरिकी संगठनों ने जताई नाराजगी
कई भारतीय अमेरिकी संगठनों ने इस पर नाराजगी जताई है। हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के सुहाग शुक्ला ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन झुक गया है। एक अन्य संगठन कोएलिशन ऑफ हिंदू ऑफ नॉर्थ अमेरिका (CoHNA) ने भी यूनिवर्सिटी प्रशासन की आलोचना की और कहा कि ‘इससे कश्मीर के अल्पसंख्यक समुदाय को नफरत और गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। इसी झंडे के नीचे कश्मीरी हिंदुओं को उनके अपने घर से विस्थापित कर दिया गया।’ धर्मा विवेक नामक एक यूजर ने लिखा कि ‘रटगर्स यूनिवर्सिटी ने सभी सार्वजनिक संस्थानों के लिए गलत उदाहरण पेश किया है। अराजकतावादियों से समझौता करना गलत है और यह जनता के विश्वास के साथ धोखा है।’
गौरतलब है कि रटगर्स यूनिवर्सिटी में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के छात्र पढ़ते हैं और न्यू जर्सी में भारी तादाद में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पीपल ऑफ इंडियन ओरिजन (GOPIO) के अध्यक्ष थॉमस अब्राहम ने भी रटगर्स यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष को पत्र लिखकर विरोध प्रदर्शन के दौरान कश्मीर का अलगाववादी झंडा लहराने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होने लिखा, ‘यह खतरनाक चीज है, जिसमें रटगर्स यूनिवर्सिटी दाखिल हो रही है। इससे यूनिवर्सिटी में और भी धरने प्रदर्शन शुरू हो सकते हैं। एक सार्वजनिक संस्थान को, जो सभी का है, उसे आंतरिक संघर्ष संबंधी विवादों में शामिल नहीं होना चाहिए।’
More News
13 May 2024 Aaj Ka Rashifal : मेष, वृषभ, मकर, कुंभ वालों को दिन की शुरुआत से ही होगा लाभ, घर में होगा धन का आगमन, शाम का समय महत्वपूर्ण
भास्कर का सवाल- प्रचार में धर्म आधारित भाषण ज्यादा क्यों: PM मोदी का जवाब- कांग्रेस ने तुष्टीकरण किया, मैं लोगों को सही तथ्य बता रहा हूं
Weather : आज दिल्ली में छाए रहेंगे बादल, बरसेंगी राहत की बूंदें; जानें हफ्ते भर कितना रहेगा राजधानी का पारा