महंगाई की मार: 7 साल के हाई लेवल पर पहुंचा कच्चा तेल, आने वाले दिनों में 3 रुपए तक महंगे हो सकते हैं पेट्रोल-डीजल

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नई दिल्ली15 मिनट पहले

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आम आदमी को बढ़ती महंगाई के बीच एक और झटका लग सकता है। आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल और भी महंगे हो सकते हैं। क्योंकि कच्चे तेल के दाम अंतरराष्ट्रीय बाजार में 7 साल के हाई लेवल पर जा पहुंचा है। इस समय कच्चे तेल के दाम 87 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुच गए हैं। इससे पहले जनवरी 2014 में कच्चे तेल के दाम 87 डॉलर के पार गए थे।

एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था। जो अब 86 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया है। यानि डेढ़ महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में निचले स्तर से 26% की तेजी आ चुकी है।

क्यों महंगा हो रहा कच्चा तेल?
दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। इसके अलावा मिडिल ईस्ट में भी इस समय तनाव का महौल बना हुआ है। वहीं सोमवार को संयुक्त अरब अमीरात में एयरपोर्ट पर ड्रोन हमले ने एक नए संकट को जन्म दिया है, जिससे तेल उत्पादन प्रभावित होने की आशंका है। बाजार जानकारों का कहना है कि इन घटनाओं का वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन और मांग पर असर पड़ेगा जिससे उसकी कीमतों में उछाल आना तय है।

3 रुपए तक महंगा हो सकता है पेट्रोल
IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता कहते हैं कि आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं। इससे अगले एक महीने में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।

चुनाव में महंगे पेट्रोल-डीजल से मिल सकती है राहत
हालांकि एक्सपर्ट्स के अनुसार सरकार भले ही पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करने में अपनी भूमिका से इनकार करती हो, लेकिन बीते सालों में ऐसा देखा गया है कि चुनाव के दौरान सरकार जनता को खुश करने के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़ाती है। पिछले सालों का ट्रेंड बता रहा है कि चुनावी मौसम में जनता को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों से राहत मिली है।

बिगड़ सकता है सरकार का बजट

  • अनुमान के मुताबिक, अगर कच्चे तेल का भाव 10 डॉलर प्रति बैरल बढ़ता है तो इससे राजकोषीय घाटे में 10 आधार अंकों का इजाफा होता है।
  • इससे महंगाई भी बढ़ती है, जिससे आरबीआई के लिए नीतिगत ब्याज दरों को उदार बनाए रखना मुश्किल होगा।
  • आयात बिल बढ़ने से डॉलर रिजर्व घटेगा, जिससे रुपए में कमजोरी आएगी।

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम

शहरपेट्रोल (रुपए/लीटर)डीजल (रुपए/लीटर)
भोपाल107.2390.87
जयपुर107.0690.70
मुंबई109.9894.14
दिल्ली95.4186.67
चेन्नई101.4091.44

3 नवंबर को सरकार ने घटाया था टैक्स
केंद्र सरकार ने 3 नवंबर को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की घोषणा की थी। अगले ही दिन देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आई और कई राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम किया। इससे आम आदमी को राहत मिली थी। इसके बाद से पेट्रोल-डीजल के दाम नहीं बढ़े हैं।

रुझान बताते हैं कि पिछले करीबन 75 दिनों से देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। जबकि इसी दौरान कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है।

अभी भी केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल पर वसूल रही भारी टैक्स
पेट्रोल का बेस प्राइज अभी 48 रुपए और डीजल का बेस प्राइज 49 रुपए के करीब है। केंद्र सरकार पेट्रोल पर 27.90 और डीजल पर 21.80 रुपए एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। इसके बाद राज्य सरकारें इस पर अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं, जिसके बाद इनका दाम बेस प्राइज से 2 गुना के करीब हो जाता है।

यहां देखें पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स लगता है

पेट्रोल/लीटर (रु.)डीलर/लीटर (रु.)
बेस प्राइज47.9849.33
किराया0.250.28
केंद्र का टैक्स27.9021.80
डीलर कमीशन3.782.58
राज्य का टैक्स15.5012.68
कुल कीमत95.4186.67

नोट : ये आंकड़े 16 जनवरी को दिल्ली में पेट्रोल-डीजल के दाम के आधार पर हैं।

पेट्रोल-डीजल की कीमत कैसे निर्धारित होती है?
जून 2010 तक सरकार पेट्रोल की कीमत निर्धारित करती थी और हर 15 दिन में इसे बदला जाता था। 26 जून 2010 के बाद सरकार ने पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण ऑइल कंपनियों के ऊपर छोड़ दिया। इसी तरह अक्टूबर 2014 तक डीजल की कीमत भी सरकार निर्धारित करती थी, लेकिन 19 अक्टूबर 2014 से सरकार ने ये काम भी ऑइल कंपनियों को सौंप दिया।

ऑइल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल की कीमत, एक्सचेंज रेट, टैक्स, पेट्रोल-डीजल के ट्रांसपोर्टेशन का खर्च और बाकी कई चीजों को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमत निर्धारित करती हैं।

भारत अपनी जरूरत का 85% कच्चा तेल करता है आयात
हम अपनी जरूरत का 85% से ज्यादा कच्चा तेल बाहर से खरीदते हैं। इसकी कीमत हमें डॉलर में चुकानी होती है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने और डॉलर के मजबूत होने से पेट्रोल-डीजल महंगे होने लगते हैं। कच्चा तेल बैरल में आता है। एक बैरल यानी 159 लीटर कच्चा तेल होता है।

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