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- Srinagar Terrorists Attack; Kashmir IGP Vijay Kumar On Police Bulletproof Vehicle
3 घंटे पहलेलेखक: वैभव पलनीटकर
श्रीनगर के जेवन में सोमवार शाम पुलिस बस पर हुए आतंकी हमले में शहीद पुलिसकर्मियों को आज राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। श्रीनगर के पुलिस हेडक्वार्टर में शहीदों के पार्थिव शवों को रखा गया और पुलिस अफसरों ने उन्हें आखिरी विदाई दी। कश्मीर के IGP विजय कुमार ने हमले के बाद कहा है कि अब से पुलिसकर्मी हमेशा बुलेटप्रूफ व्हीकल में ही ट्रैवल करेंगे। उनके मुताबिक आतंकी पुलिस बल से हथियार छीनने की फिराक में थे।
शहीद पुलिसकर्मियों को आज राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई।
हथियार छीनने की फिराक में थे आतंकी
विजय कुमार ने बताया कि 13 दिसंबर को पुलिस बस पर हुए हमले में आतंकी हथियार छीनने की फिराक में थे। हमला होते ही पुलिस ने प्रभावी रूप से जवाबी कार्रवाई की। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर हमले को अंजाम दिया है। हमले में जैश के 3 आतंकियों का हाथ है, इसमें 2 विदेशी और एक स्थानीय आतंकी है। जवाबी कार्रवाई में एक आतंकी घायल हुआ है और खून के निशानों से पता चला है कि वह पंपोर होते हुए त्राल इलाके की तरफ भागा है।
एक प्लान के तहत किया गया टेरर अटैक
पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिस बस पर हमला हुआ, उसमें आर्म्ड रिजर्व फोर्स की 9वीं बटालियन के 25 पुलिसवाले सवार थे। जेवन के पास शाम को करीब 6 बजे बस पर आतंकियों ने हमला कर दिया। जिस तरह से भारी फायरिंग के साथ ये हमला किया गया उससे लगता है कि ये एक प्लांड टेरर अटैक था।
पुलिसवालों को दिए जाएंगे बुलेटप्रूफ व्हीकल
IGP विजय कुमार ने बताया- अब पुलिस एक जगह से दूसरी जगह ट्रैवल करते वक्त भारी सतर्कता बरत रही है और अब ऐसे मूवमेंट के लिए उसे बुलेट प्रूफ बस दी जाएगी। हमलावरों ने पहले से ही हमले वाली जगह की रेकी की थी, रोड ओपनिंग पार्टी के हटते ही हमले को अंजाम दिया गया। जैश ने हमले की जिम्मेदारी ले ली है।
आतंकी हमले के बाद सवाल उठे थे कि घाटी और खासकर श्रीनगर में इतने सख्त सुरक्षा इंतजामों के बावजूद यह हमला कैसे हो गया। आतंकी कैसे पुलिस बस के करीब पहुंचे, फायरिंग की और भाग खड़े हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिसकर्मियों के पास हथियार के नाम पर बस डंडा था।
दैनिक भास्कर ने इस बारे में जम्मू कश्मीर पुलिस के पूर्व DGP एसपी वेद से बातचीत की। उनके मुताबिक राज्य के पुलिसकर्मी आतंकियों के टारगेट पर हैं, क्योंकि इनका रोल ही सबसे अहम होता है। इनके पास आतंकी गतिविधियों से जुड़ी 90% जानकारी होती है। इसके बावजूद पुलिस पार्टी के मूवमेंट को प्रोटेक्शन क्यों नहीं दी गई, ये समझ से परे है। पूर्व DGP का पूरा बयान पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
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