संयुक्त किसान मोर्चा का सियासी दलों को न्योता: 10 सितंबर को चंडीगढ़ में रखी मीटिंग में भाजपा को नहीं बुलाया, नेताओं को जल्दबाजी में चुनाव प्रचार न करने की चेतावनी, सुखबीर के प्रोग्राम को झटका तय

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लुधियानाएक घंटा पहले

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प्रेस कॉन्फेंस के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कुलवंत सिंह संधू, रुलदू सिंह मानसा। - Dainik Bhaskar

प्रेस कॉन्फेंस के दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कुलवंत सिंह संधू, रुलदू सिंह मानसा।

अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल के ‘गल पंजाब की प्रोग्राम’ का किसानों द्वारा विरोध जारी रहेगा। 10 सितंबर से इस प्रोग्राम की दोबारा शुरुआत होनी थी और इसी दिन संयुक्त किसान मोर्चा ने चंडीगढ़ में भाजपा व इसके सहयोगी दलों को छोड़कर सभी पार्टियों के साथ बैठक का ऐलान किया है। दिल्ली के सिंघू बार्डर पर 32 संगठनों की हुई बैठक के बाद किसान नेताओं ने इसका ऐलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता कुलवंत सिंह संधू, रुलदू सिंह मानसा ने कहा कि पंजाब में अभी चुनाव के लिए समय बाकी है। पहले भी राजनीतिक पार्टियां चुनाव प्रचार करती रही हैं। लेकिन पता नहीं क्यों इस बार राजनीतिक पार्टियां जल्दबाजी कर रही हैं जबकि उन्हें भलि-भांति पता है कि किसान दिल्ली बार्डर पर संघर्ष कर रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों की तरफ से की जा रही जनसभाओं के कारण गांवों में फूट पड़ रही है। किसान संगठनों ने फैसला लिया है कि 10 तारीख को चंडीगढ़ में एक सभा बुलाई जाएगी। जिसमें सभी किसान संगठनों के सदस्य पहुंच रहे हैं। बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके गठबंधन वाली पार्टियों को छोड़कर बाकी सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्ष या फिर सीनियर नेताओं शामिल होने का न्योता दिया जा रहा है। इस दौरान सभी पार्टियों को चेतावनी दी जाएगी कि वे तब तक चुनाव प्रचार न करें, जब तक चुनाव आयोग मतदान की घोषणा नहीं करता।

10 सितंबर तक स्थगित हैं सुखबीर के कार्यक्रम

मोगा में हुए लाठीचार्ज के बाद किसान संगठनों की तरफ से सख्त रुख अपनाने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने 9 सितंबर तक अपने जनसभाएं करने के कार्यक्रम टाल दिए थे। उन्होंने घोषणा की है कि वह संयुक्त किसान मोर्चा के समक्ष पेश होने को तैयार हैं और हर सवाल का जवाब देना चाहते हैं। इसके बाद 3 सदस्य कमेटी का गठन भी किया गया था। कमेटी की तरफ से 2 दिन पहले ही किसान संगठनों को पत्र लिखकर बातचीत करने की पेशकश की गई। मगर मामला नहीं सुलझ सका।

मोगा केस रद्द करने के लिए 10 दिन तक का समय

मोगा में हुए लाठीचार्ज के बाद किसान संगठनों पर जिला पुलिस प्रशासन की तरफ से 200 किसानों पर आपराधिक मामले दर्ज किए थे। इसके बाद संगठनों की तरफ से मोगा में प्रदर्शन कर ऐलान किया था कि अगर प्रशासन ने सभी केस रद्द नहीं किए तो वे संघर्ष करेंगे। इसके बाद आज, बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की डीआईजी फरीदकोट रेंज, एसएसपी मोगा ध्रुमल एच निंबले समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की है। जिसमें प्रशासन ने 10 दिन का समय मांगा है, ताकि कागजी कार्रवाई कर मामले रद्द किए जा सकें।

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