Ahmedabad  Blast Case: इतिहास में पहली बार 38 लोगों को सजा-ए-मौत, अब तक इतने लोगों को हो चुकी है फांसी

Ahmedabad Blast Case: इतिहास में पहली बार 38 लोगों को सजा-ए-मौत, अब तक इतने लोगों को हो चुकी है फांसी

Death Sentence - India TV Hindi
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Death Sentence 

अहमदाबाद ब्लास्ट मामला: अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान करते हुए शुक्रवार सुबह 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। जानिए फांसी की सजा से जुड़े दो खास पहलुओं के बारे में। आखिर ऐसा क्यों है कि जितनी संख्या फांसी की सजा तो मिलती है, उतनी ज्यादा दी नहीं जाती? एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 488 लोग भारत की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। वर्ष 2021 में 144 और 2020 में 77 और 2019 में 104 लोगों को देश के अलग अलग राज्यों में फांसी की सजा हुई। 2021 में फांसी की सजा पाए लोगों में 62 मर्डर के और 48 रेप आदि मामलों के दोषी थे।

1. बम ब्लास्ट जैसे मामलों के अधिकांश अपराधी समय पर पकड़ में नहीं आते या देश से बाहर भाग जाते हैं अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में इतने बड़े पैमाने पर फांसी की सजा के दो पहलू हैं। पहला यह कि एकसाथ इतने सारे लोगों को फांसी की सजा हालिया मामलों में नहीं हुई है। 

2. दूसरा यह सजा आतंकवाद के खिलाफ हुई है। कानून के अनुसार फांसी की सजा के मामलों की पुष्टि हाईकोर्ट द्वारा करना जरूरी है। उसके बाद ही दोषी लोगों को फांसी की सजा दी जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट में 2021 में फांसी की सजा के 9 मामले आए, जिनमें से 5 की सजा को कम करके उम्रकैद में बदल दिया गया और 4 लोगों की सजा को खत्म कर दिया गया। 

16 साल में 1300 से अधिक को सुनाई जा चुकी है फांसी की सजा, जानिए 4 खास बातें

1- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1947 के बाद से देश में अब तक कुल (निर्भया के दोषियों को मिलाकर) 61 लोगों को फांसी दी गई है। 

2- अगर हम पिछले 16 साल की बात करें तो भारत में 1300 से अधिक लोगों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। 

3– नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक़, साल 2004 से 2013 के बीच भारत में 1303 लोगों को फांसी की सज़ा सुनाई गई, हालांकि इस दौरान केवल तीन लोगों को फांसी दी गई।

4- पूरे देश में यूपी  ऐसा राज्य है जहां अभी तक सबसे ज्यादा फांसियां दी गईं हैं. देश को आजादी मिलने के बाद से अभी तक यूपी में कुल 390 गुनहगारों को फांसी (Hanging) दी गई है।

बता दें कि अहमदाबाद ने की विशेष अदालत ने 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि 28 अन्य को बरी कर दिया था। गौरतलब है कि 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट के अंदर हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 56 लोग मारे गये थे और 200 से अधिक लोग घायल हो गये थे। दरअसल, ये भारत के इतिहास का पहला मौका है जब एक बार में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले राजीव गांधी हत्या केस में लोअर कोर्ट ने 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।

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