First CM of Delhi: अरविंद केजरीवाल से कम उम्र में दिल्ली का CM बना था ये नेता, लोग कहते थे ‘शेर-ए-दिल्ली’

First CM of Delhi: अरविंद केजरीवाल से कम उम्र में दिल्ली का CM बना था ये नेता, लोग कहते थे ‘शेर-ए-दिल्ली’

First CM Of Delhi Chaudhary Brahm Prakash: दिल्ली (Delhi) में सिर्फ मुगल (Mughal) बादशाह, ऐतिहासिक इमारतें और चांदनी चौक की पुरानी गलियां ही नहीं फेमस हैं, बल्कि एक ऐसा भी नाम फेमस है जिसे लोग शेर-ए-दिल्ली के नाम से भी जानते हैं. यह कोई और नहीं बल्की दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश (Chaudhary Brahm Prakash) थे. चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव की लोकप्रियता राजधानी के कोने-कोने में थी. जिन्हें दिल्ली की जनता का सच्चा सेवक और शुभचिंतक माना जाता है. 


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अरविंद केजरीवाल से कम उम्र में बने दिल्ली के मुख्यमंत्री

ब्रह्म प्रकाश अपनी सादगी के लिए काफी मशहूर थे. ब्रह्म प्रकाश दिल्ली के शकूरपुर गांव के रहने वाले थे. उनकी पढ़ाई लिखाई दिल्ली से ही हुई. जब वो बड़े हुए तो देश में उस समय आजादी की जंग चरम पर थी. उसी समय ब्रह्म प्रकाश भी बापू के साथ ‘जंग ए आजादी’ का हिस्सा बन गए.  ब्रह्म प्रकाश कई बार जेल भी गए.

चौधरी ब्रह्म प्रकाश ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंडरग्राउंड रह कर काफी काम किया था. अपनी सक्रियता और काबिलियत की वजह से वो कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप में काफी चहेते बन गए थे. चौधरी ब्रह्म प्रकाश (Chaudhary Brahm Prakash Yadav) महज 34 साल की उम्र में दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री (First CM Of Delhi) बने थे.  कहा जाता है कि ब्रह्म प्रकाश को मुख्यमंत्री बनाने के पीछे प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के हाथ था. उनकी लीडरशिप पर कांग्रेस के बड़े नेताओं को पूरा भरोसा था. 

इत्तेफाक से मिली सीएम की कुर्सी

दिल्ली के वर्तमान सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने जब 45 साल की उम्र में दिल्ली के सीएम पद की शपथ ली तब उन्हें दिल्ली का सबसे युवा सीएम कहा जा रहा था. लेकिन यहां पर बात जिस चौधरी ब्रह्म प्रकाश की उन्होंने 34 साल की उम्र में दिल्ली की सीएम की गद्दी पर बैठकर इतिहास रच दिया था. ब्रह्म प्रकाश के दिल्ली का CM बनाने की कहानी भी दिलचस्प है. आजादी मिलने के बाद दिल्ली में पहली बार 1952 में चुनाव हुआ तब कांग्रेस को बहुमत मिला. विधायकों ने तब देशबंधु गुप्ता को विधायक दल का नेता चुना. उनकी शपथ की तारीख भी तय हो गई थी. लेकिन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले देशबंधु गुप्ता की एक हादसे में मौत हो गई. इसके बाद जवाहर लाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) ने ब्रह्म प्रकाश का नाम सीएम पद के लिए आगे किया. फिर ब्रह्म प्रकाश को सर्वसम्मति से दिल्ली के सीएम पद का उम्मीदवार चुन लिया गया. बह्म प्रकाश 17 मार्च 1952 से 12 फरवरी 1955 से दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर रहे.

‘लोग बुलाते थे शेर ए दिल्ली’

चौधरी ब्रह्म प्रकाश जैसे नेता बिरले ही होते हैं. सीएम बनने के बाद भी वो सरकारी बस में सफर करते थे. वो लोगों के बीच रहकर उनकी समस्याओं को बड़े ही इत्मिनान से सुनते थे. चलते-फिरते ही वे लोगों से इस तरह घुलमिल जाते थे कि लगता ही नहीं था कि वो किसी रसूखदार यानी बड़ी हस्ती से मिल रहे हैं. लोगों से इस सीधे जुड़ाव और अपनेपन की वजह से ही उन्हे शेर-ए-दिल्ली के नाम से भी जाना जाता था. उनके दबदबे का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब एक बार लोकसभा चुनावों में दिल्ली की 7 सीटों में 6 जनसंघ के खाते में चली गईं. उस समय भी चौ. ब्रह्म प्रकाश ने अपनी बाहरी दिल्ली सीट जीती थी.

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