India-Caricom: दवाओं-तकनीक से लेकर प्रोजेक्ट्स में निवेश तक, कैरिबियाई देशों के लिए भारत ने रखी योजना, पढ़ें

India-Caricom: दवाओं-तकनीक से लेकर प्रोजेक्ट्स में निवेश तक, कैरिबियाई देशों के लिए भारत ने रखी योजना, पढ़ें

EAM Dr S Jaishankar said we did a round of consultations on what we call the Voice of Global South process

EAM Dr S Jaishankar in Vienna
– फोटो : ANI

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुयाना की राजधानी में जमैका के विदेश मंत्री कामिनाज स्मिथ के साथ चौथी भारत-कैरिकॉम मंत्रिस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी G20 की अध्यक्षता के दौरान सभी अहम मुद्दों को सामने लाएगा और उस पर बात करेगा। साथ ही उन्होंने अफ्रीका को कम दाम वाली दवाएं मुहैया कराने पर भी बात की।

गौरतलब है, विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को गुयाना पहुंचे हैं। यहां उन्होंने जमैका के विदेश मंत्री कामिना जॉनसन स्मिथ के साथ चौथी भारत-कैरीकॉम मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद से निपटने सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने शनिवार को ट्वीट एफएम गुयाना ह्यूग टॉड को धन्यवाद किया। 

सभी देशों की रखेंगे बात

जयशंकर ने कहा कि इस वर्ष हमें G20 की अध्यक्षता करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि हम न केवल अपने लिए बल्कि उन देशों के के मुद्दों को सामने रखेंगे जो जी 20 समूह का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए, हमने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ पर विचार-विमर्श किया है। 

पिछले पांच वर्ष में कई समस्याएं

उन्होंने कहा कि अगर कोई ध्यान दे तो पिछले पांच वर्षों में कई बड़ी समस्याएं सामने आई हैं। कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन की बढ़ती घटनाएं, व्यापार तनाव, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चिंताएं वास्तव में ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर बैठकर बात करने की जरूरत है। इन मसलों पर गहनता से विचार होना चाहिए। 

स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने की जरूरत

विदेश मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पता चलता है कि हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है। हमें विचार करना चाहिए कि ऐसा क्या है जो हम और अधिक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक घरेलू पहल है जिसे हम वैश्विक मंच पर ले रहे हैं। इससे कम आय वाले उपभोक्ताओं को लाभ होगा। उन्होंने इस मौके पर कहा कि अगर आपको (कैरिबियाई देशों) लगता है कि यह रुचिपूर्ण है तो हम कम दाम वाली दवाएं मुहैया करा सकते हैं। हम उसके लिए एक क्षेत्रीय केंद्र बनाना चाहेंगे। ये सभी अमेरिका के एफडीए से अनुमति प्राप्त होंगे।

अफ्रीका के सामने रखा प्रस्ताव

भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि आज मैं आपके सामने छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों के क्षेत्र में एक प्रस्ताव रखना चाहता हूं। हम अनुदान के आधार पर 10 लाख रुपये तक की व्यक्तिगत परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। हम भारत में एक भागीदार समूह बनाना चाहते हैं। साथ ही यह देखेंगे कि क्या हमारी भागीदारी सफल रहेगी। उन्होंने कहा कि अगर आप इस प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो हमें बहुत खुशी होगी। भारत 

 

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