INSACOG: वैश्विक स्तर पर बहुत उच्च स्तर पर पहुंचा कोरोना का खतरा, ओमिक्रॉन के विस्फोटक प्रसार इसकी बड़ी वजह

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Mon, 10 Jan 2022 10:50 PM IST

सार

कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन इस समय पूरी दुनिया में खतरनाक रफ्तार के साथ फैल रहा है। कई देशों में हालात गंभीर रूप से बिगड़ने लगे हैं।

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : पिक्साबे

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कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन के विस्फोटक स्तर से पूरी दुनिया में खतरा बहुत उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह खतरा खास तौर पर उन इलाकों में बढ़ा है जहां की जनसंख्या में कम प्रतिरक्षा है। यह बात भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कन्सोर्टियम इन्साकॉग (INSACOG) ने सोमवार को कही। इसने कहा कि इस वायरस से होने वाली बीमारी की गंभीरता डेल्टा और अन्य वैरिएंट के मुकाबले कम इसलिए दिखी है क्योंकि संक्रमण और टीकाकरण की वजह से जनसंख्या में अधिक प्रतिरक्षा बनी है।

सोमवार को जारी हुए एपने साप्ताहिक बुलेटिन में कन्सोर्टियम ने कहा कि कोरोना वायरस का वैश्विक प्रसार तेजी से डेल्टा से ओमिक्रॉन की ओर स्थापित हो रहा है। इसने वैश्विक डाटा का हवाला देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन की संक्रामक क्षमता और प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता डेल्टा से अधिक है। इसके चलते डेल्टा के मुकाबले इसका प्रसार अधिक तेजी से हो रहा है। लेकिन, अभी तक के तथ्यों से प्रतीत होता है कि कोरोना वायरस के पिछले वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन के संक्रमण से होने वाली गंभीरता का स्तर काफी कम है।

टीकाकरण करवाने वालों में गंभीर बीमारी का खतरा काम
इसने कहा कि सभी उपलब्ध डाटा के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ऐसे लोग जिनमें प्रतिरक्षा नहीं है, ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर वह गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। यूनाइटेड किंगडम में ओमिक्रॉन का संक्रमण बेहद तेज रफ्तार से फैल रहा है। यहां जिन लोगों ने टीके की कम से कम दो खुराकें ली हैं उनके ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर भी अस्पताल में भर्ती होने के आसार कम दिख रहे हैं। यूके के एक ताजा अध्ययन में बताया गया था कि तीसरी यानी बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के प्रति उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है।

भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 4,033 मामलों की पुष्टि हुई
भारत के 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के अब तक 4,033 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। उधर, केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि इस बार अब तक पांच से दस फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत हो रही है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि स्थिति बदल भी सकती है और इसलिए सभी राज्य सतर्क रहें और निगरानी जारी रखें। केंद्र ने लोगों से कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन करने और जल्द से जल्द टीकाकरण कराने की अपील की है।

विस्तार

कोरोना वायरस के नए और अधिक संक्रामक वैरिएंट ओमिक्रॉन के विस्फोटक स्तर से पूरी दुनिया में खतरा बहुत उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह खतरा खास तौर पर उन इलाकों में बढ़ा है जहां की जनसंख्या में कम प्रतिरक्षा है। यह बात भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कन्सोर्टियम इन्साकॉग (INSACOG) ने सोमवार को कही। इसने कहा कि इस वायरस से होने वाली बीमारी की गंभीरता डेल्टा और अन्य वैरिएंट के मुकाबले कम इसलिए दिखी है क्योंकि संक्रमण और टीकाकरण की वजह से जनसंख्या में अधिक प्रतिरक्षा बनी है।

सोमवार को जारी हुए एपने साप्ताहिक बुलेटिन में कन्सोर्टियम ने कहा कि कोरोना वायरस का वैश्विक प्रसार तेजी से डेल्टा से ओमिक्रॉन की ओर स्थापित हो रहा है। इसने वैश्विक डाटा का हवाला देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन की संक्रामक क्षमता और प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता डेल्टा से अधिक है। इसके चलते डेल्टा के मुकाबले इसका प्रसार अधिक तेजी से हो रहा है। लेकिन, अभी तक के तथ्यों से प्रतीत होता है कि कोरोना वायरस के पिछले वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन के संक्रमण से होने वाली गंभीरता का स्तर काफी कम है।

टीकाकरण करवाने वालों में गंभीर बीमारी का खतरा काम

इसने कहा कि सभी उपलब्ध डाटा के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ऐसे लोग जिनमें प्रतिरक्षा नहीं है, ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर वह गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। यूनाइटेड किंगडम में ओमिक्रॉन का संक्रमण बेहद तेज रफ्तार से फैल रहा है। यहां जिन लोगों ने टीके की कम से कम दो खुराकें ली हैं उनके ओमिक्रॉन से संक्रमित होने पर भी अस्पताल में भर्ती होने के आसार कम दिख रहे हैं। यूके के एक ताजा अध्ययन में बताया गया था कि तीसरी यानी बूस्टर खुराक ओमिक्रॉन के प्रति उच्च स्तर की सुरक्षा प्रदान करती है।

भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 4,033 मामलों की पुष्टि हुई

भारत के 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमण के अब तक 4,033 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। उधर, केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि इस बार अब तक पांच से दस फीसदी मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत हो रही है। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा कि स्थिति बदल भी सकती है और इसलिए सभी राज्य सतर्क रहें और निगरानी जारी रखें। केंद्र ने लोगों से कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन करने और जल्द से जल्द टीकाकरण कराने की अपील की है।

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