NCERT की किताबों से गुजरात दंगों-इमरजेंसी का चैप्टर हटा: 12वीं की किताबों से सिलेबस कम किया, कहा- ओवरलैप हो रहा था

NCERT की किताबों से गुजरात दंगों-इमरजेंसी का चैप्टर हटा: 12वीं की किताबों से सिलेबस कम किया, कहा- ओवरलैप हो रहा था

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नई दिल्ली2 घंटे पहले

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राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने 12वीं के सिलेबस से गुजरात दंगों और इमरजेंसी का चैप्टर हटा दिया है। एनसीईआरटी ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत ये बदलाव किए गए हैं। इसमें सिलेबस को कम करने पर जोर दिया गया है।

एनसीईआरटी का कहना है कि ये चैप्टर दूसरे सब्जेक्ट के सिलेबस में शामिल है, जिससे यह चैप्टर ओवरलैप हो रहा था। यह बदलाव स्कूल शिक्षा में सुधार के लिए नीतियों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सलाह देने वाली संस्था के सुझाव के 2 महीने बाद हुआ है। जिसके तहत किताबों से डेमोक्रेसी, मुगल दरबार, कोल्ड वॉर के युग, औद्योगिक क्रांति और उर्दू शायर फैज अहमद फैज की कविताओं के चैप्टर को हटाया गया है।

गुजरात दंगों के चैप्टर में क्या था
गुजरात दंगों के चैप्टर में लिखा था ‘गुजरात दंगों से पता चलता है कि सरकारी तंत्र भी सांप्रदायिक भावनाओं के प्रति संवेदनशील हो जाता है। ये डेमोक्रेटिक राजनीति के लिए संकट पैदा करता है। चैप्टर में उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का एक बयान भी था, जिसमें उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी।

वहीं इमरजेंसी वाले चैप्टर में बताया गया था कि इंदिरा गांधी की सरकार ने किस तरह से सत्ता का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने अपने फायदे के लिए नेताओं को गिरफ्तार करवाया, मीडिया पर बैन लगा दिया। हिरासत में कई लोगों की मौत हो गई। जबरन नसबंदी की गई, गरीबी और विस्थापन से न जाने कितने लोगों की मौत हुई। किताबों से नर्मदा आंदोलन, चिपको आंदोलन, महाराष्ट्र में दलित पैंथर्स जैसे सामाजिक आंदोलनों से जुड़े चैप्टर्स को भी हटाया गया है।

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