न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Tue, 14 Jun 2022 11:17 PM IST
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सूत्रों ने कहा कि कुछ विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से फोन पर बात की है। नेताओं ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बनने पर विचार करने का अनुरोध किया।
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा भी कुछ अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है। साथ ही विपक्षी नेताओं ने भी उनकी सहमति लेने के लिए उनसे संपर्क किया है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने इन नेताओं से कुछ समय मांगा है। बुधवार तक वे अपना जवाब वापस दे सकते हैं। उनसे बात करने वाले नेताओं ने कहा कि उम्मीदवार बनने के अनुरोध पर गोपालकृष्ण गांधी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी।
सूत्रों ने कहा कि अगर वह अनुरोध स्वीकार करते हैं, तो वह राष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से विपक्षी उम्मीदवार के रूप में उभर सकते हैं, क्योंकि पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में उनके नाम पर पहले से ही सबकी सहमति थी। गौरतलब है कि महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है।
विस्तार
विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति चुनाव में एकजुट होकर लड़ने की मांग के बीच पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से कुछ नेताओं ने संपर्क किया है। मंगलवार को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ नेताओं ने संभावित विकल्प के तौर पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से संपर्क किया है। वे 2017 में भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से विपक्षी उम्मीदवार थे। उस चुनाव में वे एम वेंकैया नायडू से हार गए थे।
सूत्रों ने कहा कि कुछ विपक्षी नेताओं ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से फोन पर बात की है। नेताओं ने पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी से राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बनने पर विचार करने का अनुरोध किया।
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा भी कुछ अन्य नामों पर भी विचार किया जा रहा है। साथ ही विपक्षी नेताओं ने भी उनकी सहमति लेने के लिए उनसे संपर्क किया है। सूत्रों ने बताया कि पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने इन नेताओं से कुछ समय मांगा है। बुधवार तक वे अपना जवाब वापस दे सकते हैं। उनसे बात करने वाले नेताओं ने कहा कि उम्मीदवार बनने के अनुरोध पर गोपालकृष्ण गांधी ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी।
सूत्रों ने कहा कि अगर वह अनुरोध स्वीकार करते हैं, तो वह राष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति से विपक्षी उम्मीदवार के रूप में उभर सकते हैं, क्योंकि पिछले उपराष्ट्रपति चुनाव में उनके नाम पर पहले से ही सबकी सहमति थी। गौरतलब है कि महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है।
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