रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ेगा। राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है। पुतिन के इस फैसले की अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसा देशों ने निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक शुरू हो चुकी है। पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है। यूक्रेन संकट पर पल-पल के अपडेट्स जानने के लिए लाइव हिन्दुस्तान के साथ बने रहें।
ब्रिटेन की अपील- फैसला वापल ले रूस
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में ब्रिटेन ने कहा है कि रूस को यूक्रेन के दो हिस्सों को अलग देश का मान्यता देने वाला फैसला वापस लेना चाहिए।
सैन्य वृद्धि बर्दाश्त नहीं कर सकते: UNSC की बैठक में भारत
भारत ने कहा, ”तत्काल प्राथमिकता रूस-यूक्रेन संकट को कम करना है। हम सैन्य वृद्धि बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम हर तरफ से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल कूटनीतिक बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है। हमें तनाव को कम करने की कोशिश करने वाली पार्टियों द्वारा की गई हालिया पहलों को जगह देने की जरूरत है।”
भारत ने शांति की अपील करते हुए दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा
We strongly emphasize the vital need for all sides to maintain international peace and security by exercising the utmost restraint and intensifying diplomatic efforts to ensure that a mutually amicable solution is arrived at the earliest: India at UNSC meet on Ukraine pic.twitter.com/0T8uOWtjRu
— ANI (@ANI) February 22, 2022
रूस-यूक्रेन संकट पर भारत ने की संयम बरतने की अपील
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने रूस-यूक्रेन संकट पर यूएनएससी की आपात बैठक में भारत का पक्ष रखा। उन्होंने कहा, ”रूसी संघ के साथ यूक्रेन की सीमा पर बढ़ता तनाव गहरी चिंता का विषय है। इन घटनाक्रमों से क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को कमजोर होने की संभावना है।” भारत ने कहा, ”हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है। हमें उन पक्षों द्वारा हाल ही में की गई पहलों को जगह देने की जरूरत है जो तनाव को दूर करना चाहते हैं।”
UNSC की बैठक में अमेरिका बोला- और भी कदम उठाएंगे
यूएनएससी की बैठक में अमेरिका ने कहा, ”कल अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानून के स्पष्ट उल्लंघन के लिए रूस को जवाबदेह ठहराने के लिए और कदम उठाएगा। हम और हमारे सहयोगी स्पष्ट हैं कि यूक्रेन पर और आक्रमण करने के लिए रूस द्वारा त्वरित और गंभीर प्रतिक्रिया दी जाएगी। इस समय कोई भी किनारे पर खड़ा नहीं हो सकता।”
UNSC की बैठक में भी अमेरिका ने किया विरोध
यूएनएससी की आपात बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा, ”यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर रूस का स्पष्ट हमला अकारण है। यह संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्य के रूप में यूक्रेन की स्थिति पर हमला है। यह अंतरराष्ट्रीय कानून के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।”
UNSC की बैठक में भारत जारी करेगा बयान
#UPDATE | The UNSC meet over Ukraine will now be an ‘open’ meeting. India will also make a statement.
— ANI (@ANI) February 22, 2022
यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा
रूस ने रविवार को यूक्रेन की उत्तरी सीमाओं के पास सैन्य अभ्यास बढ़ा दिया था। उसने यूक्रेन की उत्तरी सीमा से लगे बेलारूस में करीब 30,000 सैनिकों की तैनाती की है। साथ ही यूक्रेन की सीमाओं पर 1,50,000 सैनिकों, युद्धक विमानों और अन्य साजो-सामान की तैनाती कर रखी है। कीव की आबादी करीब 30 लाख है।
EU ने किया पुतिन के फैसले का विरोध
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्रों को मान्यता देने के रूस के कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि वह इसमें शामिल लोगों पर प्रतिबंध लगाएगा। इसने यूक्रेन की स्वतंत्रता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
अलगाववादी नेताओं ने किया था पुतिन से अनुरोध
यूक्रेन के अलगाववादी नेताओं ने टेलीविजन पर प्रसारित एक बयान के जरिए रूस के राष्ट्रपति से अनुरोध किया था कि वे अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दें और मित्रता संधियों पर हस्ताक्षर करके उनके ”खिलाफ जारी यूक्रेनी सेना के हमलों से” उनकी रक्षा करने के लिए सैन्य सहायता भेजें। रूस के निचले सदन ने भी पिछले सप्ताह इसी प्रकार की अपील की थी।
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