Shiv Sena: चुनाव आयोग का फैसला पचा नहीं पा रहे संजय राउत, 2024 तक खेल खत्म होने की कही बात

Shiv Sena: चुनाव आयोग का फैसला पचा नहीं पा रहे संजय राउत, 2024 तक खेल खत्म होने की कही बात

Sanjay Raut Statement: चुनाव आयोग से झटका खाने के बाद शिवसेना के उद्धव गुट के नेता संजय राउत की बयानबाजी जारी है. उन्होंने मंगलवार को एक बार फिर चुनाव आयोग पर निशाना साधा और कहा कि उसका फैसला असंवैधानिक है और वह दबाव में है. बता दें कि निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले धड़े को असली शिवसेना बताया था और उसे ‘तीर-धनुष’ चुनाव निशान आवंटित किया था.चुनाव आयोग के इस फैसले पर संजय राउत लगातार बयान दे रहे हैं.


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संजय राउत ने कहा कि, उन्होंने (सरकार) सब कुछ अपने कब्जे में ले लिया है, चलो दिल्ली चलकर देखते हैं. 2024 तक खेल खत्म हो जाएगा. हमारी शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना है. हमारी जड़े मजबूत हैं. उन्होंने कहा, चुनाव आयोग का निर्णय हम नहीं मानते. उन्होंने किसके दबाव में आकर फैसला दिया. हमें विश्वास है कि हम सुप्रीम कोर्ट में जीतेंगे.

संजय राऊत की जान को खतरा

वहीं, संजय राउत ने खुदके जान को खतरा होने की बात कही है. शिवसेना के सांसद श्रीकांत शिंदे ने थाना के राजा ठाकुर नाम के गुंडे को मुझे मारने की सुपारी दी है. ऐसा पत्र संजय राउत ने उपमुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखा है. 

इससे पहले संजय राउत ने दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम एवं निशान तीर-धनुष को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है. हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े के विधायक सदा सर्वांकर ने राउत के दावे का खंडन किया और सवाल किया, क्या संजय राउत खजांची हैं.

महाराष्ट्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुधीर मुंगतिवार ने यह कहते हुए राउत पर पलटवार किया कि उच्चतम न्यायालय एवं निर्वाचन अयोग जैसे स्वतंत्र संस्थाओं को बदनाम करने की कोशिश के तहत ऐसे बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं. राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2000 करोड़ रुपये का शुरुआती आंकड़ा है और यह बात शत-प्रतिशत सच्ची है. उन्होंने यह भी कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी एक बिल्डर ने उन्हें यह बात बताई है. राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि उनके दावे के पक्ष में सबूत हैं जिसे वह शीघ्र ही सामने लाएंगे. 

गौरतलब है रि शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था. इसने मुख्यमंत्री पद साझा करने के वादे से भाजपा के पीछे हट जाने का दावा किया था. बाद में उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एवं कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया था जिसने शिंदे के बगावत करने से पहले तक जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया.

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