अल्लू अर्जुन ही नहीं इन एक्ट्रेस ने भी ठुकराए एड: कंगना-तापसी और अदिति हैदरी ने नहीं किया फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन

अल्लू अर्जुन ही नहीं इन एक्ट्रेस ने भी ठुकराए एड: कंगना-तापसी और अदिति हैदरी ने नहीं किया फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन

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नई दिल्ली19 मिनट पहले

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बॉलीवुड सुपर स्टार अक्षय कुमार को अजय देवगन और शाहरुख खान के साथ पान मसाला ब्रांड का विज्ञापन करने के लिए ट्रोल किया जा रहा था। अक्षय के कुछ पुराने वीडियो भी वायरल हो रहे थे, जिनमें उन्होंने तंबाकू विज्ञापन को अपने सिद्धांतों के खिलाफ बताया था। अब अक्षय कुमार ने इस विज्ञापन के लिए माफी मांग ली है। इससे पहले पुष्पा फेम अल्लू अर्जुन पान मसाला ब्रांड का विज्ञापन ठुकराने के लिए चर्चा में रहे थे। पढ़िए उन अभिनेत्रियों के बारे में, जिन्होंने अपने उसूलों को चुना और करोड़ों रुपये के विज्ञापन ठुकरा दिए…

1. कंगना रनौत: ठुकराया गोरेपन की क्रीम विज्ञापन
बॉलीवुड अभिनेत्री ने फिल्म ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ रिलीज होने के बाद एक फेयरनेस क्रीम के प्रचार के लिए 2 करोड़ रुपये का ऑफर ठुकरा दिया था। कंगना का कहना है कि वह कभी गोरेपन का कांसेप्ट नहीं समझ पाई। सेलेब्रिटी होकर अगर मैं ऐसे विज्ञापन के जरिए रंगभेद को बढ़ावा दूंगी, तो युवाओं के सामने का क्या उदाहरण पेश करूंगी। पब्लिक फिगर होने के नाते मेरी भी कुछ जिम्मेदारियां हैं।

अभिनेत्री कंगना रनौत। कंगना हमेशा से ही गोरे-काले के भेदभाव का विरोध करती आई हैं।

अभिनेत्री कंगना रनौत। कंगना हमेशा से ही गोरे-काले के भेदभाव का विरोध करती आई हैं।

2. साई पल्लवी: ‘मैं भारतीय हूं और मेरा रंग सही है’
साउथ इंडियन एक्टर साई पल्लवी ने साल 2019 में एक फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने से साफ इनकार कर दिया था। इसके लिए उन्हें 2 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि मिल रही थी। इस पर साई पल्लवी ने कहा था, ”मैं फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन नहीं कर सकती, मैं भारतीय हूं और मेरा रंग सही है। अफ्रीकियों का भी अपना रंग है और वे सुंदर हैं। इस तरह के विज्ञापन लोगों खासकर महिलाओं को गलत संदेश देते हैं, इसलिए मैं ऐसे किसी भी विज्ञापन का हिस्सा बनना नहीं चाहती हैं।”

साउथ इंडियन एक्ट्रेस साई पल्लवी। साई ने अपने करियर की शुरुआत प्रेमम फिल्म से की थी और पहली ही फिल्म से साई दर्शकों के दिलों में छा गईं।

साउथ इंडियन एक्ट्रेस साई पल्लवी। साई ने अपने करियर की शुरुआत प्रेमम फिल्म से की थी और पहली ही फिल्म से साई दर्शकों के दिलों में छा गईं।

3. अनुष्का शर्मा: नस्लवाद को बढ़ावा देने वाले एड नहीं करती
बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा भी फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों को करने से मना कर चुकी हैं। साल 2015 में अनुष्का शर्मा ने फेयरनेस क्रीम का एड यह कहकर करने से इनकार कर दिया था कि मैं ऐसे प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती हूं, जो समाज में नस्लवाद को बढ़ावा देने का काम करते हैं।

एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा। अनुष्का ने कहना है कि मैं ऐसे प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती, जो सेक्सिस्ट या नस्लवाद को बढ़ावा देते हों।

एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा। अनुष्का ने कहना है कि मैं ऐसे प्रोडक्ट्स का विज्ञापन नहीं कर सकती, जो सेक्सिस्ट या नस्लवाद को बढ़ावा देते हों।

4. करीना कपूर: नहीं करूंगी पोल्ट्री प्रोडक्ट का एड
बॉलीवुड अभिनेत्री करीना कपूर ने साल 2011 में एक पोल्ट्री प्रोडक्ट के विज्ञापन को करने से साफ मना कर दिया। इस विज्ञापन के लिए उन्हें करोड़ों रुपये मिल रहे थे, लेकिन उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया। करीना ने कहा कि वो अब नॉन वेजिटेरियन नहीं हैं। वे वेजिटेरियन बन चुकी हैं, इसलिए ऐसी किसी प्रोडक्ट का चेहरा वो नहीं बनेंगी, जिसे वे खाती या इस्तेमाल नहीं करती हैं।

एक्ट्रेस करीना कपूर। बेबो का कहना है कि मैं उन्हीं प्रोडक्ट का एड करती हूं, जिन्हें खाती हूं या इस्तेमाल करती हूं।

एक्ट्रेस करीना कपूर। बेबो का कहना है कि मैं उन्हीं प्रोडक्ट का एड करती हूं, जिन्हें खाती हूं या इस्तेमाल करती हूं।

5. तापसी पन्नू: गोरेपन के विज्ञापन से बनाए रखती हैं दूरी
अभिनेत्री तापसी पन्नू ने गोरेपन का विज्ञापन करने वाले हर प्रोडक्ट्स से दूरी बनाकर रखती हैं। तापसी ने बताया कि मार्च, 2017 में जयपुर के एक इवेंट में उन्हें पोज देकर कुछ फोटो क्लिक करवानी थी, जिसके बैकग्राउंड में फेयरनेस ब्रांड से जुड़ी एक कंपनी का प्रचार था। यह जानने के बाद उन्होंने इवेंट से अपना नाम वापस ले लिया। तापसी का मनाना है कि गोरेपन का विज्ञापन करने वाले प्रोडक्ट्स का हिस्सा बनना नस्लवाद को बढ़ावा देने के समान है। इसलिए उन्होंने तय किया है कि वे गोरेपन को किसी भी सूरत में बढ़ावा नहीं देंगी।

अभिनेत्री तापसी पन्नू। तापसी का कहना है कि मैं शुरुआत से ही चाहती थी कि जो प्रोडक्ट मैं इस्तेमाल करती हूं, उनका विज्ञापन मैं करूं।

अभिनेत्री तापसी पन्नू। तापसी का कहना है कि मैं शुरुआत से ही चाहती थी कि जो प्रोडक्ट मैं इस्तेमाल करती हूं, उनका विज्ञापन मैं करूं।

6. स्वरा भास्कर: गोरी त्वचा को बताया मानसिक कमजोरी
बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने साल 2015 में एक फेयरनेस क्रीम को प्रमोट करने से मना कर दिया था। स्वरा भास्कर ने कहा था कि वह ऐसे विज्ञापन नहीं करेंगे, जिससे सांवले या डार्क रंग वालों को कम आंका जाए। रंगभेद की शुरुआत ऐसे ही विज्ञापनों से होती है। गोरी त्वचा पाने की चाहत एक तरह की मानसिक कमजोरी है, जिसे दूर करना जरूरी है। मेरा मानना है कि रंग काला-गोरा या फिर सांवला जो भी हो, लेकिन हर इंसान को खुद से प्यार करने की जरूरत है। गोरेपन के पीछे भागने की नहीं।

एक्ट्रेस स्वरा भास्कर। स्वरा भास्कर रंग या हो फिर लड़कियों का पहनावा, देश में कहीं दंगा या फिर कोई बवाल ज्यादातर मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं।

एक्ट्रेस स्वरा भास्कर। स्वरा भास्कर रंग या हो फिर लड़कियों का पहनावा, देश में कहीं दंगा या फिर कोई बवाल ज्यादातर मुद्दों पर अपनी राय रखती हैं।

7. कल्कि कोचलिन: रंग नहीं, खूबसूरती देखिए
बॉलीवुड अभिनेत्री कल्कि कोचलिन ने साल 2011 में एक फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने से मना कर दिया था। कल्कि ने कहा कि गोरा होना गलत नहीं है, लेकिन हमारे देश में गोरे रंग को लेकर अजीब से पागलपन है, जिसके चलते हम इंसान का सिर्फ रंग देखते हैं। वास्तविक सुंदरता देख ही नहीं पाते हैं। हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं, जो जिनका कॉम्प्लेक्शन डार्क है, लेकिन वे बेहद हुनरमंद हैं, सुंदर हैं और अच्छे इंसान हैं। इसलिए हमें रंग नहीं खूबसूरती देखने की जरूरत है।

एक्ट्रेस कल्कि कोचलिन। गोरा होना गलत नहीं, लेकिन इसके लिए पागलपन रखना सही नहीं।

एक्ट्रेस कल्कि कोचलिन। गोरा होना गलत नहीं, लेकिन इसके लिए पागलपन रखना सही नहीं।

8. नंदिता दास: बनीं ‘डार्क इज ब्यूटीफुल’ कैंपेन का हिस्सा
अभिनेत्री और फिल्ममेकर नंदिता दास उन चुनिंदा हस्तियों में से हैं, जिन्होंने रंग के आधार पर सुंदरता को मापने वाले मानक को ही खारिज कर दिया। नंदिता दास ने साल 2010 में न सिर्फ फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन करने से मना कर दिया, बल्कि ‘डार्क इज ब्यूटीफुल’ कैंपेन का हिस्सा बनकर महिलाओं से डार्क स्किन टोन सेलिब्रेट करने की अपील करती रही हैं। नंदिता का कहना है कि इस तरह के विज्ञापन लोगों के आत्मविश्वास को कम करते हैं। उनमें काले हो सुंदर नहीं हो, सांवले हो सुंदर नहीं हो जैसे विचार डाल देते हैं, जोकि गलत है।

अभिनेत्री और फिल्ममेकर नंदिता दास। वह कहती हैं कि मैं ऐसे किसी भी प्रोडक्ट को बिल्कुल भी यूज नहीं करती हूं।

अभिनेत्री और फिल्ममेकर नंदिता दास। वह कहती हैं कि मैं ऐसे किसी भी प्रोडक्ट को बिल्कुल भी यूज नहीं करती हूं।

9. अदिति राव हैदरी: दादी का डर दिखाकर मना कर दिया
बॉलीवुड अभिनेत्री अदिति राव हैदरी भी उस सूची में आती हैं, जिन्होंने फेयरनेस क्रीम के विज्ञापन को करने से मना कर दिया। साल 2020 में हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में अदिति ने कहा कि करियर के शुरुआती दिनों में मेरे पास फेयरनेस क्रीम के कई विज्ञापन करने के ऑफर आए, लेकिन उस वक्त मैंने बड़े ही मजेदार तरीके से सबको ना कह दिया। मैंने कहा कि गोरेपन को बढ़ावा देने वाले विज्ञापन मैंने किए तो मेरी दादी नाराज हो जाएंगी।

बॉलीवुड अभिनेत्री अदिति राव हैदरी। वह भी इस सूची में शामिल हैं, जिन्होंने रंगभेद को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को करने के लिए मना कर दिया।

बॉलीवुड अभिनेत्री अदिति राव हैदरी। वह भी इस सूची में शामिल हैं, जिन्होंने रंगभेद को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों को करने के लिए मना कर दिया।

10. माहिरा खान: करियर के शुरुआती दिनों से कहती आई हूं ना
पाकिस्तानी एक्टर और बॉलीवुड में शाहरुख खान के साथ फिल्म रईस में नजर आने वाली माहिरा खान ने भी नस्लवाद को बढ़ावा देने से साफ मना कर दिया। माहिरा खान के पाकिस्तान और भारत दोनों में पसंद करने वालों की संख्या बेशुमार है। उनकी पॉपुलैरिटी को देखते हुए उन्हें फेयरनेस प्रोडक्ट के विज्ञापन ऑफर किए गए, लेकिन उन्होंने इन सबको ना कह दिया। उन्होंने कहा कि मैं अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही ऐसे विज्ञापनों के ऑफर को ना कहती आई हूं।

पाकिस्तानी एक्टर माहिरा खान। उनके चाहने वालों की भारत और पाकिस्तान में एक बड़ी संख्या है। वह भी इस तरह के विज्ञापन को ना कह चुकी हैं।

पाकिस्तानी एक्टर माहिरा खान। उनके चाहने वालों की भारत और पाकिस्तान में एक बड़ी संख्या है। वह भी इस तरह के विज्ञापन को ना कह चुकी हैं।

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