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असम2 मिनट पहले
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असम के नागांव जिले में पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने बाताद्रवा पुलिस थाने में आग लगा दी थी। इसके एक बाद प्रशासन ने हिंसा में शामिल तीन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके घरों को बुलडोजर से गिरा दिया। हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि घरों को अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत तोड़ा गया है।
नागांव जिला प्रशासन ने पुलिस हिरासत में हुई मौत के जांच के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही घटना में शामिल पुलिस स्टेशन के प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके बाद रविवार को गांव में बुलडोजर पहुंचा और हिंसा में शामिल लोगों के घरों को गिरा दिया गया।
असम के नागांव जिले में गुस्साई भीड़ ने थाने में लगाई आग
वीडियो फुटेज से होगी आरोपियों की तलाश
असम स्पेशल डीजीपी जीपी सिंह ने बताया कि हिंसा में 40 लोग शामिल थे, जिसमें से 21 लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। जो पुलिस वाले इस घटना में शामिल हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हिंसा करके पुलिस थाने में आग लगा दें। उन्होंने कहा कि वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश की जा रही है।
भीड़ ने क्यों लगाई थी थाने में आग
असम के नागांव के बटाडरावा में गुस्साई भीड़ ने शनिवार को एक पुलिस थाने में आग लगा दी। दरअसल पुलिस ने इलाके के एक मछली कारोबारी को हिरासत में लिया था। उससे 10 हजार रुपए की रिश्वत और बदक की मांग की थी। बाद में उसकी मौत हो गई। जिस पर परिवार ने कहा कि हम केवल बदक दे सकते थे। इस पर पुलिस ने हिरासत में उस व्यक्ति को प्रताड़ित किया। जिससे उसकी मौत हो गई। मारे गए व्यक्ति का नाम सफीकुल इस्लाम बताया गया था।
परिवार ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था
परिवार ने पुलिस पर हत्या करने का आरोप लगाया था और कहा कि पुलिस ने उसे शुक्रवार को बिना किसी कारण के हिरासत में लिया था। शनिवार को परिवार उसकी हालत देखने गया तो बताया गया कि उसकी तबीयत खराब हो जाने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।अस्पताल जाने पर उसकी मौत की जानकारी दी गई।
मामले में चार महिलाएं भी शामिल
पुलिस उप महानिरीक्षक (मध्य रेंज) सत्यराज हजारिका ने कहा, “हमने कल बटादराबा थाने में आग लगाने के मामले में 21 लोगों को हिरासत में लिया है। मामले में जिन चार महिलाओं का नाम आ रहा है उन्हें भी हिरासत में लिया गया है। आगे की जांच जारी है।”
गलती पर हमारा काम है आरोपियों को दंडित करना
असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा बटादराबा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी को निलंबित कर दिया। हम सफीकुल इस्लाम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को बहुत गंभीरता से लेते हैं और बटादराबा थाने के ओसी को निलंबित कर दिया है और बाकी कर्मचारियों को बंद कर दिया है। अगर हमारी ओर से कोई गड़बड़ी होती है, तो हमारा काम है उसे ढूंढना और दोषियों को उसके कानून के अनुसार दंडित करना।
साजिश के तहत लगाई आग
डीजीपी ने कहा स्थानीय आराकजक तत्वों ने कानून को अपने हाथ में लिया और थाने को जला दिया। इस भीड़ में सभी वर्ग के लोग शामिल थे महिलाएं, पुरुष, युवा और बूढ़े। लेकिन जिस तैयारी के साथ वे आए, पुलिस पर क्रूर, संगठित हमला किया। हमें गहराई से सोचने पर मजबूर किया। हमें नहीं लगता कि ये मृतक के रिश्तेदार थे, लेकिन जैसा कि हमने पहचाना है, वो लोग अपराधिक प्रवृत्ति के थे और उनके रिश्तेदारों के आपराधिक रिकॉर्ड हैं। जो रिकॉर्ड थाने में थे वो सभी जल गए। थाने में आग सिर्फ एक कार्रवाई-प्रतिक्रिया की घटना नहीं थी और मामले की पूरी जांच की जाएगी।
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