वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, मॉस्को
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Mon, 28 Feb 2022 09:42 PM IST
सार
रूस के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, “अलग-अलग उच्च पदों पर बैठे कुछ प्रतिनिधियों की तरफ से नाटो और रूस की भिड़ंत को लेकर बयान जारी किए गए थे। हम मानते हैं कि ऐसे बयान बिल्कुल गैरजरूरी हैं।”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक दिन पहले ही अपनी परमाणु सेना को तैयार रहने के निर्देश दिए थे।
– फोटो : Social Media
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पेसकोव ने कहा कि ट्रस ने नाटो और मॉस्को की संभव जंग को लेकर कुछ अस्वीकृत बयान दिए थे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ब्रिटिश विदेश मंत्री के किस बयान से रूसी राष्ट्रपति भड़क उठे। गौरतलब है कि रविवार को ट्रस ने कहा था कि अगर रूस को रोका नहीं गया तो बाकी देशों पर भी खतरा मंडराएगा और इसका अंत रूस के नाटो के साथ संघर्ष के जरिए होगा।
क्या था लिज ट्रस का पूरा बयान?
ब्रिटेन की विदेश मंत्री ने रविवार को स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा था कि यह (रूस के साथ) संघर्ष यूरोप की आजादी और लोकतंत्र के लिए है। अगर हम पुतिन को यूक्रेन में नहीं रोकते हैं, तो हमें बाकियों को भी खतरे में देखना होगा। बाल्टिक देश, पोलैंड, मोलदोवा और कई और। इसका अंत नाटो के साथ संघर्ष के जरिए होगा। हम वहां तक नहीं जाना चाहते।
इससे पहले उन्होंने एक अन्य चैनल से बातचीत में कहा था कि ब्रिटेन उन लोगों का समर्थन करेगा, जो यूक्रेन जाकर रूस के खिलाफ लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि यह लोगों का अपना फैसला होगा कि वे सच्चाई के साथ खड़े हों। ट्रस ने यूक्रेन की तारीफ करते हुए कहा था कि यह सिर्फ एक देश की नहीं, बल्कि पूरे यूरोप की लड़ाई है।
क्या बोला रूस?
दिमित्री पेसकोव ने कहा, “अलग-अलग उच्च पदों पर बैठे कुछ प्रतिनिधियों की तरफ से नाटो और रूस की भिड़ंत को लेकर बयान जारी किए गए थे। हम मानते हैं कि ऐसे बयान बिल्कुल गैरजरूरी हैं। मैं ऐसा बयान देने वालों पर कुछ कहना नहीं चाहता, लेकिन ऐसा ही एक बयान ब्रिटेन की विदेश मंत्री की तरफ से आया था।”
विस्तार
रूस ने यूक्रेन के खिलाफ पिछले पांच दिन से जंग छेड़ रखी है। इस बीच शनिवार को ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी परमाणु सेना को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए। उन्होंने अपने रक्षा मंत्री को आदेश देते हुए कहा था कि नाटो और यूरोपीय संघ के देशों के नेताओं के भड़काऊ भाषणों के चलते परमाणु बलों को तैयार रहना चाहिए। तब यह साफ नहीं था कि पुतिन आखिर किन नेताओं के भाषणों को लेकर नाराज थे। हालांकि, अब रूसी रक्षा मंत्रालय- क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि पुतिन का बयान यूक्रेन संकट को लेकर ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस और कुछ अन्य देश के नेताओं की भड़काऊ बातों को लेकर था।
पेसकोव ने कहा कि ट्रस ने नाटो और मॉस्को की संभव जंग को लेकर कुछ अस्वीकृत बयान दिए थे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि ब्रिटिश विदेश मंत्री के किस बयान से रूसी राष्ट्रपति भड़क उठे। गौरतलब है कि रविवार को ट्रस ने कहा था कि अगर रूस को रोका नहीं गया तो बाकी देशों पर भी खतरा मंडराएगा और इसका अंत रूस के नाटो के साथ संघर्ष के जरिए होगा।
क्या था लिज ट्रस का पूरा बयान?
ब्रिटेन की विदेश मंत्री ने रविवार को स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा था कि यह (रूस के साथ) संघर्ष यूरोप की आजादी और लोकतंत्र के लिए है। अगर हम पुतिन को यूक्रेन में नहीं रोकते हैं, तो हमें बाकियों को भी खतरे में देखना होगा। बाल्टिक देश, पोलैंड, मोलदोवा और कई और। इसका अंत नाटो के साथ संघर्ष के जरिए होगा। हम वहां तक नहीं जाना चाहते।
इससे पहले उन्होंने एक अन्य चैनल से बातचीत में कहा था कि ब्रिटेन उन लोगों का समर्थन करेगा, जो यूक्रेन जाकर रूस के खिलाफ लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा था कि यह लोगों का अपना फैसला होगा कि वे सच्चाई के साथ खड़े हों। ट्रस ने यूक्रेन की तारीफ करते हुए कहा था कि यह सिर्फ एक देश की नहीं, बल्कि पूरे यूरोप की लड़ाई है।
क्या बोला रूस?
दिमित्री पेसकोव ने कहा, “अलग-अलग उच्च पदों पर बैठे कुछ प्रतिनिधियों की तरफ से नाटो और रूस की भिड़ंत को लेकर बयान जारी किए गए थे। हम मानते हैं कि ऐसे बयान बिल्कुल गैरजरूरी हैं। मैं ऐसा बयान देने वालों पर कुछ कहना नहीं चाहता, लेकिन ऐसा ही एक बयान ब्रिटेन की विदेश मंत्री की तरफ से आया था।”
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