Azadi Ka Amrit Mahotsav: भारतीय सेना ने 6000 मीटर ऊंचे माउंट स्टोक कांगड़ी पर लहराया तिरंगा

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भारतीय सेना ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। सेना ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए 6,000 मीटर ऊंचे माउंट स्टोक कांगड़ी को फतह किया। यह भारतीय सेना की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। सेना के जवान माउंट स्टोक कांगड़ी पर्वत पर 6,070 मीटर ऊपर चढ़ाई की। यह जजकर पर्वतों (Zazkar Mountains) की स्टोक रेंज में सबसे ऊंचा पर्वत है।

भारतीय सेना की पर्वतारोहण टीम ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए मंगलवार को जांस्कर रेंज में माउंट स्टोक कांगड़ी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने के दौरान खराब मौसम और चुनौतीपूर्ण रास्तों का सामना किया। 

माउंट कांगड़ी की कुल ऊंचाई 6,153 मीटर है, जो उत्तर भारत के लद्दाख क्षेत्र में जजकर पर्वतों की स्टोक रेंज की सबसे ऊंची चोटी है। भारतीय सेना की टीम ने 6,070 मीटर की ऊंचाई पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान उन्हें अधिकतम जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।

आईटीबीपी के जवानों ने उत्तरकाशी में उफनती नदी और ऊंची चोटियों को पार किया
वहीं, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के लॉन्ग रेंज पेट्रोल (LRP) ने “अमृत’ यात्रा के दौरान उत्तराखंड के उत्तरकाशी में राष्ट्रीय ध्वज को लेकर एक पहाड़ी नदी को पार किया। आईटीबीपी ने जवानों का इस यात्रा का वीडियो भी ट्विटर पर साझा किया, जिसमें वे पहाड़ी नदी पार करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में आईटीबीपी के जवान एक पहाड़ी और उफनती हुई नदी को रस्सी के सहारे पार कर रहे हैं। इस दौरान ये जांबाज लगातार भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे नारे लगा रहे हैं। इस वीडियो के अगले हिस्से में जवानों को एक चोटी के ऊपर बैठकर जयकारे लगाते हुए देखा जा सकता है। आईटीबीपी ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, ‘उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक पहाड़ी नदी को पार करते हुए आईटीबीपी की आजादी का अमृत महोत्सव ‘लॉन्ग रेंज पेट्रोल’।

बता दें कि आईटीबीपी के जवान आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर 75 दिनों की रिले लॉन्ग रेंज पेट्रोल पर निकले हुए हैं, जिसे ‘अमृत’ यात्रा कहा जा रहा है। इन 75 दिनों में ये जवान लद्दाख से चलकर हिमालय के मुश्किल क्षेत्रों से गुजरते हुए अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचेंगे। यह वही इलाका है, जिसकी प्रथम लाइन की सुरक्षा की जिम्मेदारी आईटीबीपी के कंधों पर रहती है। जाहिर है कि यात्रा बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। रास्ते में मुश्किल चोटियां हैं तो बहुत ही खतरनाक और उफनती नदियां भी मिलती हैं। बरसात के दिनों में तो यह नदियां और भी प्रचंड रूप में नजर आती हैं। 

यह ‘अमृत’ यात्रा एक अगस्त को शुरू हुआ था और 75 दिन की यात्रा पूरी करने के बाद 14 अक्तूबर को इस अभियान को पूरा करेगा। इस दौरान भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जांबाज करीब 7,575 किलो मीटर की यात्रा पूरी करेंगे। यह लॉन्ग रेंज पेट्रोल देश की पश्चिमी उत्तरी सीमा के पास लद्दाख के काराकोरम दर्रे से शुरू किया गया था और यह देश की उत्तर-पूर्वी सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के जेचाप ला पर जाकर संपूर्ण होगा।

विस्तार

भारतीय सेना ने एक बार फिर देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। सेना ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए 6,000 मीटर ऊंचे माउंट स्टोक कांगड़ी को फतह किया। यह भारतीय सेना की बड़ी उपलब्धियों में से एक है। सेना के जवान माउंट स्टोक कांगड़ी पर्वत पर 6,070 मीटर ऊपर चढ़ाई की। यह जजकर पर्वतों (Zazkar Mountains) की स्टोक रेंज में सबसे ऊंचा पर्वत है।

भारतीय सेना की पर्वतारोहण टीम ने भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए मंगलवार को जांस्कर रेंज में माउंट स्टोक कांगड़ी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करने के दौरान खराब मौसम और चुनौतीपूर्ण रास्तों का सामना किया। 

माउंट कांगड़ी की कुल ऊंचाई 6,153 मीटर है, जो उत्तर भारत के लद्दाख क्षेत्र में जजकर पर्वतों की स्टोक रेंज की सबसे ऊंची चोटी है। भारतीय सेना की टीम ने 6,070 मीटर की ऊंचाई पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान उन्हें अधिकतम जलवायु परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।

आईटीबीपी के जवानों ने उत्तरकाशी में उफनती नदी और ऊंची चोटियों को पार किया

वहीं, ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के लॉन्ग रेंज पेट्रोल (LRP) ने “अमृत’ यात्रा के दौरान उत्तराखंड के उत्तरकाशी में राष्ट्रीय ध्वज को लेकर एक पहाड़ी नदी को पार किया। आईटीबीपी ने जवानों का इस यात्रा का वीडियो भी ट्विटर पर साझा किया, जिसमें वे पहाड़ी नदी पार करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में आईटीबीपी के जवान एक पहाड़ी और उफनती हुई नदी को रस्सी के सहारे पार कर रहे हैं। इस दौरान ये जांबाज लगातार भारत माता की जय और वंदे मातरम जैसे नारे लगा रहे हैं। इस वीडियो के अगले हिस्से में जवानों को एक चोटी के ऊपर बैठकर जयकारे लगाते हुए देखा जा सकता है। आईटीबीपी ने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, ‘उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक पहाड़ी नदी को पार करते हुए आईटीबीपी की आजादी का अमृत महोत्सव ‘लॉन्ग रेंज पेट्रोल’।

बता दें कि आईटीबीपी के जवान आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर 75 दिनों की रिले लॉन्ग रेंज पेट्रोल पर निकले हुए हैं, जिसे ‘अमृत’ यात्रा कहा जा रहा है। इन 75 दिनों में ये जवान लद्दाख से चलकर हिमालय के मुश्किल क्षेत्रों से गुजरते हुए अरुणाचल प्रदेश तक पहुंचेंगे। यह वही इलाका है, जिसकी प्रथम लाइन की सुरक्षा की जिम्मेदारी आईटीबीपी के कंधों पर रहती है। जाहिर है कि यात्रा बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। रास्ते में मुश्किल चोटियां हैं तो बहुत ही खतरनाक और उफनती नदियां भी मिलती हैं। बरसात के दिनों में तो यह नदियां और भी प्रचंड रूप में नजर आती हैं। 

यह ‘अमृत’ यात्रा एक अगस्त को शुरू हुआ था और 75 दिन की यात्रा पूरी करने के बाद 14 अक्तूबर को इस अभियान को पूरा करेगा। इस दौरान भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जांबाज करीब 7,575 किलो मीटर की यात्रा पूरी करेंगे। यह लॉन्ग रेंज पेट्रोल देश की पश्चिमी उत्तरी सीमा के पास लद्दाख के काराकोरम दर्रे से शुरू किया गया था और यह देश की उत्तर-पूर्वी सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के जेचाप ला पर जाकर संपूर्ण होगा।

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