DU में अमित शाह: बोले- यूनिवर्सिटी को वैचारिक लड़ाई के लिए कुश्ती का मैदान ना बनाएं, ये वैचारिक मंच

DU में अमित शाह: बोले- यूनिवर्सिटी को वैचारिक लड़ाई के लिए कुश्ती का मैदान ना बनाएं, ये वैचारिक मंच

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25 मिनट पहले

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दिल्ली यूनिवर्सिटी के 100 साल पूरे होने पर 19 मई से 21 मई तक तीन दिन का इंटरनेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसमें अतिथि थे। शाह ने कहा कि किसी भी यूनिवर्सिटी को वैचारिक लड़ाई के लिए कुश्ती का मैदान नहीं बनना चाहिए। बल्कि ये विचारों के आदान-प्रदान के लिए मंच है।

मोदी से पहले देश में नहीं थी कोई रक्षा नीति- शाह
शाह ने भारत की रक्षा नीति के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से पहले देश में कोई भी रक्षा नीति नहीं थी। अगर कोई रक्षा नीति थी भी तो वो विदेश नीति की छाया थी। साथ ही उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने दिखाया कि उनके लिए रक्षा नीति का क्या मतलब है।

सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों ने बताया रक्षा का मतलब- शाह
उन्होंने कहा कि पहले आतंकवादी हम पर हमला करने के लिए भेजे जाते थे। उरी और पुलवामा हमले में भी ऐसा करने कोशिश की गई थी। लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों से हमने दिखाया कि हमारे लिए रक्षा नीति का क्या मतलब है।

स्वराज का मतलब राज करना नहीं
स्वराज को लेकर शाह ने कहा कि स्वराज की कल्पना में स्व शब्द का बहुत महत्व है। राज का मतलब व्यवस्था लाने वाला है, इसका मतलब शासन नहीं है। स्वराज की व्याख्या करने वालों ने स्व शब्द की अहमियत घटा दी है और राज को व्यापक बना दिया। स्वराज की व्याख्या में स्वधर्म और हमारी संस्कृति अपने आप आ जाती है। स्वराज की संपूर्ण कल्पना ही न्यू इंडिया का विचार है।

साथ ही कहा कि पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2019 को एक ही झटके में धारा 370 को निरस्त कर दिया था। जो लोग कहते थे कि खून का नदियां बहेंगी, उनकी एक पत्थर फेंकने तक की हिम्मत नहीं हुई।

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