Rajasthan: 1 जुलाई से राजस्थान में प्लास्टिक के कप-प्लेट पर बैन, इन प्लास्टिक उत्पादकों पर भी लगेगा प्रतिबंध, उल्लंघन पर लगेगा भारी जुर्माना 

Rajasthan: 1 जुलाई से राजस्थान में प्लास्टिक के कप-प्लेट पर बैन, इन प्लास्टिक उत्पादकों पर भी लगेगा प्रतिबंध, उल्लंघन पर लगेगा भारी जुर्माना 

राजस्थान को प्रदूषण से बचाने के लिए 1 जुलाई से प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लग जाएगा। पर्यावरण से नुकसान पहुंचाने वाले प्लास्टिक के कप-प्लेट, आइसक्रीम गुब्बारे  में इस्तेमाल होने वाली स्टिक जैसी चीजों पर रोक लग जाएगी। राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पूरी तैयारी कर ली है। सीपीसीबी के नोटिस के मुताबिक प्लास्टिक के झंड़ों से लेकर ईयरबड तक कई उत्पादों पर यह नियम लागू होगा। सीपीसीबी के नियम के मुताबिक 1 जुलाई से राजस्थान में ऐसे  किसी सामान का इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई होगी, जो सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में आते हैं।

इन चीजों पर लगेगा प्रतिबंध

उल्लेखनीय है कि अगस्त 2021 को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने इक प्लास्टिक को रोक को लेकर अधिसूचना जारी की थी। लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। जिसके कारण एक बार फिर 1 जुलाई से इस नियम को सख्ती से लागू करने को कहा गया है। प्लास्टिक स्टिक वाले ईयरबड, कैंडी स्टिक, गुब्बारे में लगने वाले प्लास्टिक स्टिक, सजावट में काम आने वाले थर्माकोल, प्लास्टिक के झडे, मिठाई के डिब्बों पर लगाई जाने वाली प्लास्टिक, आइसक्रीम स्टिक, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पीवीसी बैनर, प्लास्टिक कप, प्लेट, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रा आदि कटलरी आइटम और प्लास्टिक के निमंत्रण पत्र। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इनके उत्पादन, भंडारण, वितरण और इस्तेमाल से जुड़े सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है. इसमें 30 जून से पहले इनका स्टॉक खत्म करने को कहा है।

प्रमुख शासन सचिव बोलीं- उल्लंघन करने पर कठोर कार्रवाई

सीपीसीबी ने सभी उत्पादकों, स्टॉकिस्ट, दुकानदारों, ई-कॉमर्स कंपनियों, स्ट्रीट वेंडर, मॉल, मार्केट, शॉपिंग सेंटर, सिनेमा हॉल, टूरिस्ट लोकेशन, स्कूल-कॉलेज, ऑफिस कॉम्प्लेक्स, अस्पताल और अन्य संस्थानों को इन चीजों के वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाने को कहा है। प्रदेश में भी प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने एक जुलाई से इन उत्पादों पर प्रतिबंध की तैयारी कर ली है। प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. एक बार इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को पर्यावरण के लिए हानिकारक माना जाता है. सीपीसीबी ने नोटिस में प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों को कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रमुख सचिव वन एवं पर्यावरण श्रेया गुहा ने बताया कि पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 1 जुलाई 2022 से पॉलीस्टाइनिन और एक्सपैंडेड पॉलीस्टाइनिन सहित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। 

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