Supreme Court Live Streaming: SC की संविधान पीठ की सुनवाई का कल से सीधा प्रसारण, लंबे समय से हो रही थी मांग

Supreme Court Live Streaming: SC की संविधान पीठ की सुनवाई का कल से सीधा प्रसारण, लंबे समय से हो रही थी मांग

सुप्रीम कोर्ट

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– फोटो : Social media

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सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की सुनवाई कल 27 सितंबर से लाइव स्ट्रीम होगी। कल से संविधान पीठ की सभी सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। जानकारी मिली है कि शुरुआत में सुनवाई यू ट्यूब के माध्यम से लाइव टेलीकास्ट की जाएगी।

जल्द ही नया प्लेटफार्म विकसित करेगा सुप्रीम कोर्ट
जल्द ही सुप्रीम कोर्ट कार्यवाही के सीधा प्रसारण करने के लिए अपना प्लेटफार्म विकसित करेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ऐसे समय आया है जब संविधान पीठ के समक्ष कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई चल रही है। इनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग( ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फीसदी आरक्षण की संवैधानिक वैधता, भोपाल गैस त्रासदी में मुवावजे की पर्याप्तता, बोहरा समुदाय के बहिष्करण का अधिकार के मुद्दे शामिल हैं।

सीधे प्रसारण  के लिए अलग प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा
सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के सीधे प्रसारण  (Live-Streaming) के लिए अलग प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। यूट्यूब के माध्यम से हो रहा सीधा प्रसारण अस्थायी व्यवस्था है। यह बात खुद शीर्ष कोर्ट ने आज (26 सितंबर) मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में कहा गया है कि शीर्ष कोर्ट की कार्यवाही के प्रसारण के लिए यूट्यूब जैसे निजी चैनल के समक्ष सरेंडर नहीं किया जा सकता। वकील विराग गुप्ता ने पीठ से कहा कि यूट्यूब के पास इस प्रसारण के कॉपीराइट है। सुनवाई के दौरान पीठ पर जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी आसीन थे।

सीजेआई ललित ने कहा, ‘ये शुरुआती चरण हैं। हमारे पास निश्चित रूप से अपना प्लेटफॉर्म होगा। हम उस कॉपीराइट मुद्दे (copyright issue) का ध्यान रखेंगे। इसके साथ ही गोविंदाचार्य की अंतरिम याचिका पर 17 अक्तूबर को आगे सुनवाई तय की। 

पूर्व सीजेआई ने जताया था अफसोस 
26 अगस्त को अपने विदाई भाषण में पूर्व सीजेआई एनवी रमण ने कहा था कि भारी मात्रा में अदालतों में लंबित मामले बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने इस बात के लिए अफसोस जताया था कि वे मामलों की सूचीबद्धता व सुनवाई के मुद्दों (listing and posting issues) पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दे सके। पूर्व सीजेआई ने कहा था कि इसका हल निकालने के लिए आधुनिक तकनीकी साधन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स का इस्तेमाल करने की जरूरत है। हमने कोई तरीका विकसित करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा व प्रतिस्पर्धात्मकता जैसे कुछ मुद्दों के कारण बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सके।  
 

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सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ की सुनवाई कल 27 सितंबर से लाइव स्ट्रीम होगी। कल से संविधान पीठ की सभी सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाएगा। इसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। जानकारी मिली है कि शुरुआत में सुनवाई यू ट्यूब के माध्यम से लाइव टेलीकास्ट की जाएगी।

जल्द ही नया प्लेटफार्म विकसित करेगा सुप्रीम कोर्ट

जल्द ही सुप्रीम कोर्ट कार्यवाही के सीधा प्रसारण करने के लिए अपना प्लेटफार्म विकसित करेगा। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ऐसे समय आया है जब संविधान पीठ के समक्ष कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई चल रही है। इनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग( ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 फीसदी आरक्षण की संवैधानिक वैधता, भोपाल गैस त्रासदी में मुवावजे की पर्याप्तता, बोहरा समुदाय के बहिष्करण का अधिकार के मुद्दे शामिल हैं।

सीधे प्रसारण  के लिए अलग प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा

सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही के सीधे प्रसारण  (Live-Streaming) के लिए अलग प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा। यूट्यूब के माध्यम से हो रहा सीधा प्रसारण अस्थायी व्यवस्था है। यह बात खुद शीर्ष कोर्ट ने आज (26 सितंबर) मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य की याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। याचिका में कहा गया है कि शीर्ष कोर्ट की कार्यवाही के प्रसारण के लिए यूट्यूब जैसे निजी चैनल के समक्ष सरेंडर नहीं किया जा सकता। वकील विराग गुप्ता ने पीठ से कहा कि यूट्यूब के पास इस प्रसारण के कॉपीराइट है। सुनवाई के दौरान पीठ पर जस्टिस एस. रवींद्र भट और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी आसीन थे।

सीजेआई ललित ने कहा, ‘ये शुरुआती चरण हैं। हमारे पास निश्चित रूप से अपना प्लेटफॉर्म होगा। हम उस कॉपीराइट मुद्दे (copyright issue) का ध्यान रखेंगे। इसके साथ ही गोविंदाचार्य की अंतरिम याचिका पर 17 अक्तूबर को आगे सुनवाई तय की। 

पूर्व सीजेआई ने जताया था अफसोस 

26 अगस्त को अपने विदाई भाषण में पूर्व सीजेआई एनवी रमण ने कहा था कि भारी मात्रा में अदालतों में लंबित मामले बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने इस बात के लिए अफसोस जताया था कि वे मामलों की सूचीबद्धता व सुनवाई के मुद्दों (listing and posting issues) पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दे सके। पूर्व सीजेआई ने कहा था कि इसका हल निकालने के लिए आधुनिक तकनीकी साधन और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल्स का इस्तेमाल करने की जरूरत है। हमने कोई तरीका विकसित करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा व प्रतिस्पर्धात्मकता जैसे कुछ मुद्दों के कारण बहुत ज्यादा कुछ नहीं कर सके।  

 

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