आज का शब्द: नवनिर्माण और वीरेंद्र मिश्र की कविता- दूर होती जा रही है कल्पना

आज का शब्द: नवनिर्माण और वीरेंद्र मिश्र की कविता- दूर होती जा रही है कल्पना

                
                                                             
                            'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- नवनिर्माण, जिसका अर्थ है- नए सिरे से निर्माण करने की क्रिया या भाव। प्रस्तुत है वीरेंद्र मिश्र की कविता- दूर होती जा रही है कल्पना
                                                                     
                            

दूर होती जा रही है कल्पना
पास आती जा रही है ज़िन्दगी ।

आज आशा ही नहीं विश्वास भी
आज धरती ही नहीं आकाश भी
छेड़ते संगीत नवनिर्माण का
गुनगुनाती जा रही है ज़िन्दगी ।

भ्रम नहीं, यह टूटती ज़ंजीर है
और ही भूगोल की तस्वीर है
रेशमी अन्याय की अर्थी लिए
मुस्कुराती जा रही है ज़िन्दगी ।

33 minutes ago

Source link